महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां बंद रहीं।

महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां बंद रहीं।

महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां बंद रहीं।
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: December 8, 2020 7:04 am IST

मुंबई/पुणे, आठ दिसंबर (भाषा) केंद्र के कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के भारत बंद के समर्थन में मंगलवार को महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) बंद रहीं ।

पुणे, नासिक, नागपुर और औरंगाबाद जैसे बड़े शहरों में थोक मंडियां बंद रहीं। कई शहरों में खुदरा मंडियां भी बंद रहीं।

नवी मुंबई के वाशी और कल्याण में भी एपीएमसी बंद रहीं। यहां से मुंबई के लिए सब्जियों और फलों की आपूर्ति होती है। थोक व्यापारी बंद का समर्थन कर रहे हैं।

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सामान्य दिनों में हजारों ट्रक राज्यभर में सब्जी, फल, अनाज और मसालों की आपूर्ति करते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के अंतर्गत आने वाले ठाणे और पालघर जिलों में सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित हुईं।

सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है।

हालांकि राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बाधित नहीं करने की अपील की।

मुंबई में बसें और लोकल ट्रेन समेत सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद से अभी तक अप्रभावित हैं।

ऑटोरिक्शा एवं टैक्सी संघों ने भारत बंद को समर्थन दिया है हालांकि उन्होंने भी सेवाएं जारी रखने का फैसला लिया है।

पुणे जिले में एपीएमसी बंद रही और इसके परिसर में कोई लेनदेन नहीं हुआ। यहां के एक अधिकारी ने बताया कि कृषि उपज जितनी मात्रा में आता है उससे महज 20 फीसदी ही सोमवार रात को यहां आया।

उन्होंने बताया, ‘‘पिछली रात को पुणे के एपीएमसी में कुल 188 वाहन आए जिनमें से 25 ट्रक अन्य राज्यों से आए थे। यहां आज सभी दुकानें बंद रहीं और कोई लेनदेन नहीं हुआ।’’

हालांकि बंद के बावजूद पुणे शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहीं।

पुणे महानगर परिवहन महामंडल के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में किसी बस को रोके जाने की कोई घटना नहीं हुई।

यहां अल्का चौक पर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया।

कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई।

अहमदनगर जिले के गांव पुंतामाबा में भी प्रदर्शन हुआ। यह जिला 2017 में किसानों के आंदोलन का केंद्र था। यहां दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।

भाषा मानसी नरेश

नरेश


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