कृषि कानून : राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलने पर अमरिंदर का राजघाट पर धरने का ऐलान

कृषि कानून : राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलने पर अमरिंदर का राजघाट पर धरने का ऐलान

कृषि कानून : राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलने पर अमरिंदर का राजघाट पर धरने का ऐलान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: November 3, 2020 12:41 pm IST

चंडीगढ़, तीन नवंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कृषि कानून के मुद्दे पर उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मुलाकात का समय नहीं दिए जाने के बाद, बुधवार को दिल्ली स्थित राजघाट पर कांग्रेस विधायकों के ‘क्रमिक धरना’ का नेतृत्व करेंगे।

उल्लेखनीय है कि अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पंजाब विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी दिलानें की मांग को लेकर बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था।

राज्य सरकार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति भवन ने मुलाकात का समय देने से इनकार कर दिया है।

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मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन, केंद्र द्वारा मालगाड़ियों का परिचालन स्थगित किए जाने की वजह से राज्य में उत्पन्न हालात को रेखांकित करेगा।

रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि पटरियों पर से अवरोधक हटा लिए गए हैं और मालगाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी जा रही है।

पंजाब सरकार ने कहा कि कोयले की कमी की वजह से राज्य के ताप विद्युत संयंत्र बंद हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में चूंकि धारा 144 लागू है और लोगों के जमा पर होने पर रोक है, इसलिए विधायक चार-चार के समूह में पंजाब भवन से महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर ‘क्रमिक धरना’ देंगे।

सिंह ने कहा कि पहला समूह सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर राजघाट पहुंचेगा।

उन्होंने राज्य के कांग्रेस विधायकों के अलावा पंजाब के अन्य पार्टियों के विधायकों से भी धरना में शामिल होने का आह्वान किया।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा


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