अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 11ए सीट के यात्री ने मौत को दी मात

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 11ए सीट के यात्री ने मौत को दी मात

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 11ए सीट के यात्री ने मौत को दी मात
Modified Date: June 13, 2025 / 02:46 pm IST
Published Date: June 13, 2025 2:46 pm IST

अहमदाबाद, 13 जून (भाषा) अहमदाबाद में बृहस्पतिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान में इकॉनोमी श्रेणी की 238 सीट में से केवल 11ए ऐसी सीट रही, जिसपर बैठे व्यक्ति की जान बच गई जबकि विमान में सवार कुल 241 यात्रियों की मौत हो गई।

दुर्घटना में जीवित बचे ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश (45) सीट संख्या 11ए पर बैठे थे।

बोइंग 787-8 विमान को ड्रीमलाइनर के नाम से जाना जाता है। इसकी, अहमदाबाद से लंदन जा रही उड़ान संख्या एआई171 में चालक दल के 12 सदस्यों समेत 242 यात्री सवार थे।

 ⁠

सीट मैप के अनुसार, ’11ए’ सीट एअर इंडिया के बी787-8 विमानों की इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति की छह सीटों में से एक है।

यह आपातकालीन निकास द्वार के पास मौजूद खिड़की वाली सीट है।

हालांकि अभी यह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी कि रमेश को आग की चपेट में आए विमान से बाहर निकलने में किन कारणों से मदद मिली, लेकिन आपातकालीन निकास द्वार के पास बैठा होना उनके चमत्कारिक रूप से बच निकलने का एक कारण हो सकता है।

फिलहाल एअर इंडिया के बेड़े में 27 बी787-8 विमान हैं और प्रत्येक में 238 इकॉनमी तथा 18 बिजनेस क्लास सीट होती है।

इन सभी विमानों को आने वाले महीनों में ‘रेट्रोफिट’ (नयी सुविधाओं से लैस)किया जाएगा।

एअर इंडिया ने पुष्टि की है कि एआई171 विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो चुकी है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को रमेश से मुलाकात करने और दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, ‘अच्छी खबर यह है कि दुर्घटना में एक व्यक्ति बच गया…।’

विमान में सवार 242 लोगों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक था।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के अनुसार, विमान ने रनवे 23 से 13:39 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरी थी।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद हवाई यातायात नियंत्रक को एक ‘मेडे कॉल’ दिया गया था, लेकिन उसके बाद हवाई यातायात नियंत्रक की ओर से की गई कॉल का विमान से कोई जवाब नहीं मिला।

रनवे 23 से प्रस्थान करने के तुरंत बाद विमान हवाई अड्डे की परिधि के बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

भाषा जोहेब मनीषा नरेश

नरेश


लेखक के बारे में