कावेरी-गुंडर परियोजना का विरोध करने के लिए अन्नाद्रमुक ने की कर्नाटक की आलोचना

कावेरी-गुंडर परियोजना का विरोध करने के लिए अन्नाद्रमुक ने की कर्नाटक की आलोचना

कावेरी-गुंडर परियोजना का विरोध करने के लिए अन्नाद्रमुक ने की कर्नाटक की आलोचना
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: July 21, 2021 11:13 am IST

चेन्नई, 21 जुलाई (भाषा) विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु की कावेरी और गुंडर नदियों को आपस में जोड़ने की योजना के विरुद्ध कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए कर्नाटक सरकार की बुधवार को आलोचना की और कहा कि यह मेकेदातू बांध के विरोध में उठाया गया “ईर्ष्यापूर्ण” कदम है।

अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पनीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी नीत पिछली सरकार द्वारा कावेरी-गुंडर परियोजना की शुरुआत का उद्देश्य केवल अतिरिक्त पानी को तमिलनाडु के सूखे क्षेत्रों तक पहुंचाना है और इससे कर्नाटक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बाढ़ के दिनों में नदी के अतिरिक्त पानी को राज्य के दक्षिणी भाग के सूखे क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई 262 किलोमीटर लंबी यह परियोजना 14,400 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएगी। तत्कालीन मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने परियोजना के पहले चरण की आधारशिला इस साल फरवरी में रखी थी।

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इससे कावेरी, दक्षिण वेल्लर, वैगई और गुंडर नदियों को आपस में जोड़ा जाना है। कर्नाटक सरकार द्वारा परियोजना के विरोध में उच्चतम न्यायालय का रुख करने की खबरों का हवाला देते हुए पनीरसेल्वम ने कहा कि यह कर्नाटक की मेकेदातू परियोजना के विरोध में तमिलनाडु के कड़े रुख के कारण उठाया गया कदम है।

पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा, “तमिलनाडु की सिंचाई परियोजना के खिलाफ कर्नाटक द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख करना गलत है, वह भी केवल इसलिए क्योंकि तमिलनाडु ने मेकेदातू परियोजना को मंजूरी नहीं दी है।” उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की अंतरराज्यीय परियोजना से कर्नाटक का कोई संबंध नहीं है।

भाषा यश नरेश

नरेश


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