एआईआर के चैनल, क्षेत्रीय अकादमियां बंद करने के खिलाफ प्रतिवेदनों पर फैसला करे केंद्र : अदालत

एआईआर के चैनल, क्षेत्रीय अकादमियां बंद करने के खिलाफ प्रतिवेदनों पर फैसला करे केंद्र : अदालत

एआईआर के चैनल, क्षेत्रीय अकादमियां बंद करने के खिलाफ प्रतिवेदनों पर फैसला करे केंद्र : अदालत
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: December 9, 2020 10:18 am IST

नयी दिल्ली, नौ दिसम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र से कहा कि वह आकाशवाणी के राष्ट्रीय चैनल और उसकी पांच क्षेत्रीय अकादमियों को बंद करने के खिलाफ दाखिल प्रतिवेदनों पर जितनी जल्द हो सके, फैसला करे।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जैन की एक पीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती को मामलों के तथ्यों पर लागू हो सकने वाले कानूनों, नियमों, विनियमों और सरकारी नीति के अनुसार प्रतिवेदनों पर फैसला करने को कहा।

इस निर्देश के साथ ही अदालत ने ‘एआईआर कैजुअल अनाउंसर एंड कंपीयर्स यूनियन’ और ‘एआईआर ब्रॉडकास्टिंग प्रोफेशनल्स एसोसिएशन’ की ओर से दायर एक जनहित याचिका का निपटारा किया। याचिका में उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय चैनल और अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, शिलॉन्ग तथा तिरुवनंतपुरम में क्षेत्रीय अकादमियों को किसी मूल्यांकन के बिना बंद कर दिया गया।

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वकील आकाश वशिष्ठ ने जरिए दायर कराई गई याचिका में ‘डीटीएच एआईआर वर्ल्ड सर्विस’, इंद्रप्रस्थ और राजधानी चैनलों को बंद करने का विरोध करते हुए कहा गया कि वे कोविड-19 की आड़ में बंद कर दिए गए।

वशिष्ठ ने अदालत में कहा कि 2019 में राष्ट्रीय चैनल के बंद होने के बाद से सरकार और प्रसार भारती के समक्ष इस संबंध में चार प्रतिवेदन दायर किए गए। इसके बाद ही अदालत ने यह निर्देश दिया।

याचिका में दावा किया गया कि प्रतिवेदनों पर कोई फैसला नहीं किया गया है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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