चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची, एक्यूआई 427 दर्ज किया गया

चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची, एक्यूआई 427 दर्ज किया गया

चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची, एक्यूआई 427 दर्ज किया गया
Modified Date: November 14, 2024 / 03:43 pm IST
Published Date: November 14, 2024 3:43 pm IST

चंडीगढ़, 14 नवंबर (भाषा) चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई और इस मौसम में पहली बार क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।

हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के अनुसार चंडीगढ़ में दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 427 दर्ज किया गया।

 ⁠

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ के सेक्टर-22 स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर एक्यूआई 460, सेक्टर-25 में 365 और सेक्टर -53 में 455 दर्ज किया गया।

आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ की वायु गुणवत्ता दिल्ली से भी खराब थी, जहां दोपहर 12 बजे एक्यूआई 424 दर्ज किया गया।

चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से सभी स्कूलों को बंद करने पर विचार करने का आग्रह किया।

पिछले कुछ दिनों से केंद्र शासित प्रदेश की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जिससे यह देश के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले कुछ शहरों में से एक बन गया है।

इस दौरान हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 323, पंचकुला में 299, बहादुरगढ़ में 293, हिसार में 289, सोनीपत में 269, कैथल में 246, कुरुक्षेत्र में 223 और यमुनानगर में 228 दर्ज किया गया।

पंजाब के अमृतसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 325, लुधियाना में 211, मंडी गोबिंदगढ़ में 210 और बठिंडा में 192 दर्ज किया गया।

एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

भाषा रवि कांत रवि कांत रंजन

रंजन


लेखक के बारे में