ऋषिकेश, 30 नवंबर (भाषा) उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिकों में से एक ह्रदय संबंधी रोग से पीड़ित पाया गया है और फिलहाल उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में रहना पड़ेगा।
हालांकि, चिकित्सकों ने साफ किया कि उत्तराखंड के चंपावत जिले के रहने वाले पुष्कर सिंह ऐरी की इस समस्या का सुरंग हादसे से कोई संबंध नहीं है और उन्हें यह रोग जन्मजात है।
एम्स, ऋषिकेश के जनरल मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. रविकांत ने कहा कि ऐरी एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) से पीड़ित हैं और उन्हें यह बीमारी जन्म से है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य जांच में उनके ह्रदय में यह समस्या पाए जाने के बाद उन्हें आपदा वार्ड से कार्डियोलॉजी विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है जहां उनकी आगे की जांच की जाएगी ।
चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे ऐरी समेत 41 श्रमिक फंस गए थे। लगातार युद्धस्तर पर केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा चलाए गए बचाव अभियान के 17 वें दिन मंगलवार रात उन्हें बाहर निकालने में सफलता मिली थी।
सुरंग से बाहर निकालने के बाद गहन स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बुधवार को उन्हें एम्स, ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था ।
ऐरी के अलावा अन्य सभी श्रमिकों की जांच रिपोर्टें सामान्य आयी हैं जिसके बाद उनकी घर वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
ऐरी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। सुरंग हादसे के बाद धामी ने उनके घर जाकर उनके माता-पिता का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि श्रमिकों को जल्द सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।
सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में से दो उत्तराखंड के रहने वाले हैं। ऐरी के अलावा, पौड़ी के कोटद्वार के रहने वाले गब्बर सिंह भी सुरंग में फंस गए थे ।
भाषा सं दीप्ति दीप्ति धीरज
धीरज