सभी महिलाएं सुरक्षित, कानूनी गर्भपात की हकदार : सर्वोच्च न्यायालय

सभी महिलाएं सुरक्षित, कानूनी गर्भपात की हकदार : सर्वोच्च न्यायालय

सभी महिलाएं सुरक्षित, कानूनी गर्भपात की हकदार : सर्वोच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: September 29, 2022 12:29 pm IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गर्भ का चिकित्सकीय समापन (एमटीपी) अधिनियम के तहत विवाहित या अविवाहित सभी महिलाओं को गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक सुरक्षित व कानूनी रूप से गर्भपात कराने का बृहस्पतिवार को अधिकार दिया।

न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की एक पीठ ने एमटीपी अधिनियम की व्याख्या पर फैसला सुनाते हुए कहा कि चाहे महिला विवाहित हो या अविवाहित, वह गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक वह गर्भपात करा सकती हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि गर्भपात कानून के तहत विवाहित या अविवाहित महिला के बीच पक्षपात करना ‘‘प्राकृतिक नहीं है व संवैधानिक रूप से भी सही नहीं है’’ और यह उस रूढ़िवादी सोच को कायम रखता है कि केवल विवाहित महिलाएं ही यौन संबंध बनाती हैं।

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पीठ ने 23 अगस्त को एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें विवाहित और अविवाहित महिलाओं के 24 सप्ताह की गर्भावस्था तक गर्भपात कराने को लेकर अलग-अलग प्रावधान हैं।

भाषा निहारिका माधव

माधव


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