इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के खिलाफ याचिका स्वीकार की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के खिलाफ याचिका स्वीकार की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के खिलाफ याचिका स्वीकार की
Modified Date: April 26, 2025 / 09:36 pm IST
Published Date: April 26, 2025 9:36 pm IST

प्रयागराज, 26 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पेट्रोल पंप का लाइसेंस हासिल करने और चुनाव लड़ने के लिए कथित तौर पर ‘फर्जी’ डिग्री लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक याचिका स्वीकार कर ली है।

इससे पूर्व, उच्च न्यायालय ने इस आधार पर याचिका खारिज कर दी थी कि निचली अदालत द्वारा तय समय के बाद याचिका दाखिल की गई थी। हालांकि, उच्चतम न्यायालय के निर्देश देने के बाद पुनरीक्षण याचिका दायर करने में विलंब को अब माफ कर दिया गया है।

तथ्यों के मुताबिक, पुनरीक्षण याचिका दायर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने दलील दी कि मौर्य ने प्रयागराज स्थित जिस हिंदी साहित्य सम्मेलन से डिग्री हासिल की थी, उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ‘फर्जी’ करार दिया गया है।

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याचिकाकर्ता त्रिपाठी ने अपनी याचिका में यह दावा करते हुए मौर्य के खिलाफ एक मामला दर्ज करने की मांग की है कि मौर्य ने पेट्रोल पंप का लाइसेंस हासिल करने और साथ ही चुनाव लड़ने के लिए फर्जी डिग्री का उपयोग किया। मौर्य वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य हैं।

इससे पूर्व, निचली अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी थी और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया था। हालांकि, याचिकाकर्ता ने 300 दिनों बाद उच्च न्यायालय से संपर्क किया और उच्च न्यायालय ने इस आधार पर याचिका खारिज कर दी थी।

इसके बाद, याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया जिसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को विलंब माफ करने का निर्देश दिया और गुण-दोष के आधार पर इस याचिका पर निर्णय करने को कहा।

न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने 25 अप्रैल को पारित एक आदेश में याचिका स्वीकार कर ली और सुनवाई की अगली तिथि छह मई तय की।

भाषा राजेंद्र

राजकुमार

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