AltNews Muhmmad Zubair, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize : जिस पर दंगा भड़काने-अशांति फैलाने का आरोप, उसी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्‍कार! दौड़ में शामिल मो. जुबैर का नाम |

AltNews Muhmmad Zubair, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize : जिस पर दंगा भड़काने-अशांति फैलाने का आरोप, उसी को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्‍कार! दौड़ में शामिल मो. जुबैर का नाम

AltNew Muhmmad Zubai, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize: इस प्रतिष्ठित पुरस्‍कार का आज नार्वे की राजधानी ओस्‍लो में ऐलान किया जाएगा। मोहम्मद जुबैर को एक विवादित ट्वीट करने के आरोप में जून महीने में अरेस्‍ट किया गया था। हालांकि बाद में उन्‍हें कोर्ट से जमानत मिल गई।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : October 7, 2022/2:32 pm IST

AltNews Muhmmad Zubair, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize: भारत की चर्चित फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट अल्‍ट न्‍यूज के सह संस्‍थापक मोहम्‍मद जुबैर और प्रतीक सिन्‍हा इस साल दिए जाने वाले नोबेल शांति पुरस्‍कारों की रेस में शामिल हैं। इस प्रतिष्ठित पुरस्‍कार का आज नार्वे की राजधानी ओस्‍लो में ऐलान किया जाएगा। मोहम्मद जुबैर को एक विवादित ट्वीट करने के आरोप में जून महीने में अरेस्‍ट किया गया था। हालांकि बाद में उन्‍हें कोर्ट से जमानत मिल गई।

दरअसल, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्‍कार का शुक्रवार को नार्वे की राजधानी ओस्‍लो में ऐलान किया जाएगा। रायटर्स के सर्वेक्षण के मुताबिक इस साल जिन लोगों के नाम सबसे ऊपर चल रहे हैं, उनमें भारत की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट अल्‍ट न्‍यूज के संस्‍थापक प्रतीक सिन्‍हा और मोहम्‍मद जुबैर भी शामिल हैं।

नोबेल शांति पुरस्‍कार के विजेता का चयन नार्वे के नोबल समिति के 5 सदस्‍यों की ओर से किया जाएगा। इन सभी पांचों सदस्‍यों की नियुक्ति नार्वे की संसद ने की है। भारत के प्रतीक सिन्‍हा और मोहम्‍मद जुबैर के अलावा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, म्‍यांमार की राष्‍ट्रीय एकता सरकार, बेलारूस की विपक्षी नेता सवितलाना भी शामिल हैं।

अमेरिकी पत्रिका टाइम ने प्रतीक सिन्‍हा और मोहम्‍मद जुबैर के बारे में लिखा है, ‘पत्रकार प्रतीक सिन्‍हा और मोहम्‍मद जुबैर फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट अल्‍ट न्‍यूज के संस्‍थापक हैं। ये दोनों ही भारत में फर्जी सूचनाओं का खुलासा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सिन्‍हा और जुबैर सुव्‍यवस्थित तरीके से सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और फेक न्‍यूज पर विराम लगा रहे हैं।’

बता दें कि मोहम्मद जुबैर लगातार विवादों में रहे हैं। धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। 22 दिन जेल में रहने के बाद फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है। दिल्ली में जुबैर पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें जुबैर पर सोशल मीडिया में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने और विवादित तस्वीरें पोस्ट कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप थे।

2018 से जुड़े विवादित ट्वीट पर हुए थे गिरफ्तार – AltNews Muhmmad Zubair, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize

मो.जुबैर ने फिल्म निर्माता ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘किसी से ना कहना’ का एक क्लिप शेयर किया था। इसमें एक होटल के बाहर बोर्ड नजर आ रहा है, जिस पर हिंदी में हनुमान होटल लिखा हुआ था। जुबैर ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था बिफोर 2014 हनीमून होटल, आफ्टर 2014 हनुमान होटल। इस पोस्ट के जरिए जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। इसी मामले में 27 जून को FIR होने के बाद 28 जून को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर को अरेस्ट कर लिया था।

जुबैर पर कुल 7 FIR, 6 यूपी में

मोहम्मद जुबैर पर कुल 7 FIR दर्ज हैं, जिनमें से 6 उत्तर प्रदेश में हैं। दिल्ली, सीतापुर, हाथरस और लखीमपुर में दर्ज केस को लेकर उन्हें हिरासत में भेजा गया था। जुबैर 2018 के ट्वीट केस में बेल के लिए दिल्ली की अदालत पहुंचे थे, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में हाथरस कोर्ट ने 14 जुलाई को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके मुताबिक जुबैर को 27 जुलाई तक जेल में ही रहना था। उत्तर प्रदेश के इन 5 जिलों में जुबैर पर 6 मुकदमे दर्ज हैं।

जुबैर पर सबूत मिटाने, साजिश रचने के आरोप – AltNews Muhmmad Zubair, Pratik Sinha For Nobel Peace Prize

मोहम्मद जुबैर पर पहले दंगे भड़काने और धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के केस दर्ज किए गए थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन पर सबूत मिटाने, आपराधिक साजिश रचने का आरोप भी लगाया। पटियाला हाउस कोर्ट में 2 जुलाई को दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा था कि आरोपी शातिर है और सबूत मिटाने में माहिर है। आरोपी ने मोबाइल से बहुत सारे सबूत मिटा दिए हैं, जिस वजह से जांच में दिक्कतें हो रही हैं।

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