जम्मू में कड़ी सुरक्षा के बीच बूढ़ा अमरनाथ यात्रा शुरू, पहला जत्था रवाना

जम्मू में कड़ी सुरक्षा के बीच बूढ़ा अमरनाथ यात्रा शुरू, पहला जत्था रवाना

जम्मू में कड़ी सुरक्षा के बीच बूढ़ा अमरनाथ यात्रा शुरू, पहला जत्था रवाना
Modified Date: July 28, 2025 / 01:38 pm IST
Published Date: July 28, 2025 1:38 pm IST

जम्मू, 28 जुलाई (भाषा) जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में बूढ़ा अमरनाथ तीर्थयात्रा सोमवार को शुरू हो गई और पहले दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक हजार से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू से रवाना किया।

सिन्हा ने उम्मीद जताई कि भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पुंछ स्थित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आएंगे।

अनुष्ठानिक पूजा, शंखनाद और बम- बम भोले के जयघोष के बीच एक हजार से अधिक तीर्थयात्रियों के जत्थे को उपराज्यपाल सिन्हा ने सोमवार सुबह भगवती नगर से रवाना किया। इस दौरान बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई।

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पुंछ जिले में स्थित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद ने 2005 में तीर्थयात्रा की शुरूआत की थी और 12 दिवसीय ये यात्रा इस बार सात अगस्त तक जारी रहेगी।

सिन्हा ने यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘जैसा कि आपने देखा, आज यहां से एक हजार से अधिक तीर्थयात्री बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए। देश के विभिन्न कोनों से तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं और इस पवित्र यात्रा में भाग ले रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं। बूढ़ा अमरनाथ यात्रा के लिए सुविधाओं में सुधार किया गया है।’’

उपराज्यपाल ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने बताया कि अब तक 3.77 लाख से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पूरी कर चुके हैं और उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के उद्देश्य से जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।

भगवान शिव को समर्पित बूढ़ा अमरनाथ मंदिर पुंछ की मंडी तहसील के राजपुरा गांव में स्थित है, जो जम्मू क्षेत्र के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है और यात्रा के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

यह तीर्थयात्रा पुंछ के दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक के मंदिर में पहुंचने के साथ संपन्न होती है।

भाषा यासिर माधव

माधव


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