जीवाणु संक्रमण के संदेह के बिना कोविड में एंटीबायोटिक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए : केंद्र के दिशानिर्देश

जीवाणु संक्रमण के संदेह के बिना कोविड में एंटीबायोटिक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए : केंद्र के दिशानिर्देश

जीवाणु संक्रमण के संदेह के बिना कोविड में एंटीबायोटिक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए : केंद्र के दिशानिर्देश
Modified Date: March 20, 2023 / 07:30 pm IST
Published Date: March 20, 2023 7:30 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) केंद्र की ओर से कोरोना वायरस के वयस्क रोगियों के उपचार के लिए जारी संशोधित दिशानिर्देश में कहा गया है कि जब तक जीवाणु संक्रमण का नैदानिक संदेह न हो, तब तक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

कोरोना वायरस के मामलों में तेजी के बीच रविवार को जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए ‘लोपिनेविर-रिटोनेविर’, ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’, ‘आइवरमेक्टिन’, ‘मोल्नूपिराविर’, ‘फेविपिराविर’, ‘एजिथ्रोमाइसिन’ और ‘डॉक्सीसाइक्लिन’ जैसी दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

‘क्लीनिकल गाइडेंस प्रोटोकॉल’ को संशोधित करने के लिए एम्स/आईसीएमआर-कोविड-19 राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की पांच जनवरी को बैठक हुई। इसमें चिकित्सकों को प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग नहीं करने की भी सलाह दी गई है।

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भाषा जितेंद्र जितेंद्र


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