Protocol of Internet Shutdown: क्या इंटरनेट बंद करने को लेकर कोई प्रोटोकॉल है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा

क्या इंटरनेट बंद करने को लेकर कोई प्रोटोकॉल है? Any Protocol of Internet Shutdown? Supreme Court Ask to Modi Govt

Protocol of Internet Shutdown: क्या इंटरनेट बंद करने को लेकर कोई प्रोटोकॉल है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: September 10, 2022 8:44 am IST

नयी दिल्ली: Protocol of Internet Shutdown उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मनमाने ढंग से इंटरनेट बंद करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से यह कहते हुए जवाब मांगा कि वह जानना चाहता है कि क्या इस मसले पर कोई ‘प्रोटोकॉल’ है। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि याचिका में पक्षकार बनाए गए चार राज्यों को नोटिस जारी करने के बजाय वह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को नोटिस जारी करेगी।

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Protocol of Internet Shutdown पीठ ने कहा, ‘‘हम केवल केंद्र (एमईआईटीवाई) को नोटिस जारी करते हैं कि क्या इस शिकायत के संबंध में कोई मानक प्रोटोकॉल है या नहीं।’’ सॉफ्टवेयर लॉ सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वकील वृंदा ग्रोवर ने पीठ को बताया कि कलकत्ता और राजस्थान के उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की गई थीं।

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पीठ ने पूछा, “आप उच्च न्यायालयों का रुख क्यों नहीं कर सकते? आप पहले ही ऐसा कर चुके हैं।’’ पीठ ने आगे कहा कि अनुराधा भसीन मामले में शीर्ष अदालत के फैसले पर अमल को लेकर उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया जा सकता है। ‘अनुराधा भसीन बनाम भारत सरकार’ मामले में, शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि इंटरनेट सेवाओं पर एक अपरिभाषित प्रतिबंध अवैध है और इंटरनेट बंद करने के आदेशों को आवश्यकताओं और आनुपातिकता की जांच में खरा उतरना चाहिए।

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ग्रोवर ने कहा, ‘‘राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा था कि इंटरनेट बंद नहीं होगा, लेकिन कुछ समय बाद प्रतिबंध लगा दिया गया।’’ वकील ने कहा कि एक संसदीय समिति ने भी कहा था कि परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। वकील ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि यह परीक्षा में धोखाधड़ी रोकने के लिए है, लेकिन आज जब हम सब कुछ डिजिटल रूप से कर रहे हैं तो क्या आनुपातिकता इसकी (इंटरनेट बंद करने की) अनुमति देगी।’’ जनहित याचिका में हाल ही में राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के दौरान भी इंटरनेट बंद किये जाने का उल्लेख किया गया है।

 

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