‘कुतुब मीनार की नहीं बदल सकते पहचान, संरक्षित स्मारक में किसी को भी पूजा पाठ का अधिकार नहीं’

Qutub Minar : आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने कुतुब मीनार में पूजा की मांग को लेकर दायर हिंदू पक्ष की याचिका पर ऐतराज जताया है।

‘कुतुब मीनार की नहीं बदल सकते पहचान, संरक्षित स्मारक में किसी को भी पूजा पाठ का अधिकार नहीं’

kutub minar

Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: May 24, 2022 2:11 pm IST

आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने कुतुब मीनार में पूजा की मांग को लेकर दायर हिंदू पक्ष की याचिका पर ऐतराज जताया है। ASI ने साकेत कोर्ट में दाखिल याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुतुब मीनार की पहचान नहीं बदली जा सकती।

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एएसआई ने कहा है कि ये पुरातात्विक महत्व का स्मारक है। लिहाजा यहां किसी को पूजा पाठ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। पुरातात्विक संरक्षण अधिनियम 1958 के मुताबिक, संरक्षित स्मारक में सिर्फ पर्यटन की इजाजत है। किसी भी धर्म के पूजा पाठ को नहीं। ASI ने कहा, जब ये कुतुब मीनार परिसर एएसआई के संरक्षण में आया है तब भी वहां किसी भी धर्म के मतावलंबी कोई उपासना या पूजा पाठ नहीं कर रहे थे।

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दरअसल, दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली और पूजा के अधिकार की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं।


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