अरुणाचल : नेचिफू सुरंग को स्थानीय लोग सुरक्षित और तेज आवागमन का साधन समझते

अरुणाचल : नेचिफू सुरंग को स्थानीय लोग सुरक्षित और तेज आवागमन का साधन समझते

अरुणाचल : नेचिफू सुरंग को स्थानीय लोग सुरक्षित और तेज आवागमन का साधन समझते
Modified Date: September 30, 2023 / 03:16 pm IST
Published Date: September 30, 2023 3:16 pm IST

(सुष्मिता गोस्वामी)

नेचिफू सुरंग (अरुणाचल प्रदेश), 30 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में बनी 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग लिजा डेबिसोव के लिए सिर्फ बेहतर आवागमन का एक साधन नहीं है, बल्कि इससे बढ़कर है।

लिजा ने सुरंग शुरू होने पर खुशी व्यक्त करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसका मतलब यह भी है कि किसी दूसरे को उस डरावने अनुभव का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनका परिवार गुजर चुका है। दरअसल सुरंग के निर्माण से पहले इलाके में हुई एक सड़क दुर्घटना में उनका भाई घायल हो गया था।

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उन्होंने कहा कि इलाके में बहुत ज्यादा धुंध फैल जाती है, जिसकी वजह से गाड़ी चलाना बहुत खतरनाक हो जाता है। लिजा ने बताया कि उनका भाई घर लौटते वक्त सड़क हादसे में घायल हो गया था।

एक स्थानीय स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत लिजा ने कहा, ‘‘अब हम सुरक्षित तरीके से सफर कर सकते हैं। इससे सिर्फ वक्त ही नहीं बचेगा बल्कि खतरा भी काफी हद तक कम हो गया है।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 सितंबर को डिजिटल तरीके से नेचिफू सुरंग का उद्धघाटन किया था, जो पश्चिम कामेंग जिले के बालीपाड़ा-चारद्वार-तवांग मार्ग पर निर्मित है। डी आकार की यह सुरंग दो लेन वाली है और ये 1630 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

वहीं एक अन्य स्थानीय नागरिक सचिन बोलुसोव कहते हैं कि सुरंग का मतलब तेज गति के साथ सुरक्षित यात्रा से है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ज्यादातर धुंध रहती है, जिसकी वजह से इन परिस्थितियों में गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। इस सुरंग के बनने से सफर के समय में कमी हुई है और यह बहुत सुरक्षित भी है।

उन्होंने उल्लेख किया कि सुरंग के खुलने से उन रक्षाकर्मियों के लिए भी आवागमन बहुत आसान हो गया है, जो राज्य भर में तैनात हैं। अरुणाचल, चीन के साथ सीमा साझा करता है।

आस-पास के गावों के बहुत से लोग, इस सुरंग की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं और अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें खींचते हैं।

स्थानीय लोगों के साथ-साथ सुरंग का प्रयोग करने वाले यात्री भी सुरंग के अंदर खूबसूरत आंतरिक साज-सज्जा का आनंद लेने से नहीं चूकते और यात्रा के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करना पसंद करते हैं।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने बताया कि यह सुरंग सड़क के एक रणनीतिक खंड पर स्थित है, जहां आमतौर पर घना कोहरा रहता है। यह खंड किलोमीटर संख्या 70 से किलोमीटर संख्या 95 के बीच है।

उन्होंने कहा कि धुंध के दौरान इस मार्ग पर यातायात बाधित और धीमा रहता है। इस समस्या का एकमात्र समाधान सिर्फ नेचिफू सुरंग का निर्माण था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 में इस सुरंग की आधारशिला रखी थी, जिसपर उसी साल अक्टूबर से काम शुरू हो गया था। इस सुरंग का निर्माण बीआरओ की देखरेख में धोराजिया कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया है। इस सुरंग के कारण सड़क मार्ग की दूरी छह किलोमीटर तक कम हो गई है, जबकि इसके जरिये यात्रा करने पर 30 मिनट कम समय लगता है।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष


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