अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर राधाकृष्णन को बधाई दी

अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर राधाकृष्णन को बधाई दी

अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर राधाकृष्णन को बधाई दी
Modified Date: September 10, 2025 / 12:35 pm IST
Published Date: September 10, 2025 12:35 pm IST

इटानगर, 10 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर महाराष्ट्र के निवर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार राधाकृष्णन मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें 452 वोट मिले जबकि विपक्ष के उम्मीदवार और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।

खांडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘श्री सीपी राधाकृष्णन जी को भारत के उपराष्ट्रपति का उच्च पद ग्रहण करने पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई। जनसेवा में आपका व्यापक अनुभव, आपको बुद्धिमत्ता, निष्पक्षता और समर्पण के साथ राज्यसभा का मार्गदर्शन करने के लिए उपयुक्त बनाता है।’

 ⁠

खांडू ने कहा कि राधाकृष्णन का नेतृत्व देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करेगा और हाशिये पर रहने वालों को आवाज देगा।

उन्होंने ने कहा, ‘हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा और प्रभावशीलता की रक्षा करने की इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए आपको शक्ति और सफलता की शुभकामनाएं।’

मीन ने भी राधाकृष्णन की जीत पर बधाई दी।

उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘उपराष्ट्रपति-निर्वाचित श्री सी पी राधाकृष्णन जी को बधाई। मैं 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में आपकी जीत के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।’

राधाकृष्णन का उल्लेख करते हुए मीन ने कहा कि कोयम्बटूर से लेकर नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति निवास तक की यह उल्लेखनीय यात्रा दृढ़ता, समर्पण और जीवन भर की सार्वजनिक सेवा का सच्चा प्रतिबिंब है।

उन्होंने कहा, ‘इस प्रतिष्ठित पद पर आपका कार्यकाल सफलता से भरा हो और आप हमारे राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दें।’

तमिलनाडु के कोयंबटूर से भाजपा के वरिष्ठ नेता राधाकृष्णन दो बार संसद सदस्य रह चुके हैं और इससे पहले झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल रह चुके हैं।

वह भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ का स्थान लेंगे।

भाषा सुमित वैभव

वैभव


लेखक के बारे में