अरुणाचल प्रदेश: लोकतांत्रिक अधिकारों पर ‘हमले’ के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

अरुणाचल प्रदेश: लोकतांत्रिक अधिकारों पर ‘हमले’ के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

अरुणाचल प्रदेश:  लोकतांत्रिक अधिकारों पर ‘हमले’ के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
Modified Date: August 12, 2025 / 08:27 pm IST
Published Date: August 12, 2025 8:27 pm IST

ईटानगर, 12 अगस्त (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों पर ‘सुनियोजित हमले’ की निंदा करते हु‍ए मंगलवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

कार्यकर्ताओं ने ‘आइए सच्चाई, न्याय और लोकतंत्र के लिए अपनी आवाज उठाएं’ का बैनर लेकर पार्टी के राज्य मुख्यालय ‘राजीव गांधी भवन’ के बाहर प्रदर्शन किया।

उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में एक रैली के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के कई सांसदों को हिरासत में लिए जाने का भी विरोध किया।

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मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ विरोध जताने के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित निर्वाचन आयोग कार्यालय जा रहे 30 से ज्यादा सांसदों को हिरासत में ले लिया गया था।

अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के नेताओं ने आरोप लगाया कि सांसदों को हिरासत में लिये जाने की कार्रवाई विपक्षी आवाज को दबाने और वैध राजनीतिक सवालों से बचने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री तंगा बायलिंग ने पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी को जनहित के मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।

बायलिंग ने आरोप लगाया, “सवालों का जवाब देने के बजाय भाजपा सरकार विपक्ष को डराने, किसानों के अधिकारों का हनन करने और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।”

उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधा। आयोग ने राहुल गांधी को मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के बारे में उनके बयानों के संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

कांग्रेस की राज्य इकाई के नेताओं ने दावा किया कि यह निर्देश ‘राहुल गांधी के दावों को खोखला साबित करने और उन्हें चुनाव की शुचिता पर सवाल उठाने से रोकने के लिए एक सोची-समझी चाल’ है।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष


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