Asaduddin Owaisi Latest News: ‘CBI-ED की स्वतंत्रता जरूरी..’ संविधान संशोधन बिल पर ओवैसी ने फिर खड़े किए सवाल, कहा- पूरे देश पर कब्जा करने की साजिश

'CBI-ED की स्वतंत्रता जरूरी..' संविधान संशोधन बिल पर ओवैसी ने फिर खड़े किए सवाल, Asaduddin Owaisi Latest News: Owaisi again raised questions on the Constitution Amendment Bill

Asaduddin Owaisi Latest News: ‘CBI-ED की स्वतंत्रता जरूरी..’ संविधान संशोधन बिल पर ओवैसी ने फिर खड़े किए सवाल, कहा- पूरे देश पर कब्जा करने की साजिश

Owaisi Latest News. Image Source- ANI

Modified Date: August 26, 2025 / 12:10 am IST
Published Date: August 25, 2025 5:51 pm IST

नई दिल्लीः Asaduddin Owaisi Latest News भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों को पद से हटाने वाले संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 पर सियासी हंगामा मचा हुआ है। इस बीच अब हैदराबाद सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार पर निशाना साधा और कानून को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि सारी सरकारी एजेंसियों की नियुक्ति और तैनाती केंद्र सरकार के आदेश पर होती है। जब तक इनकी नियुक्ति स्वतंत्र रूप से नहीं होती तब तक यह केंद्र के अधीन ही काम करेंगी। अब सबसे बड़ा सवाल यही उठेगा कि आखिर यह सरकार के इशारे पर काम करती हैं? इतना ही नहीं ओवैसी ने संविधान का हवाला देते हुए पूछा कि मंत्री परिषद के परामर्श पर काम करने वाले राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को कैसे हटा सकते हैं?

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 130वें संविधान संशोधन में कई कमियां गिनाईं। उन्होंने कहा, “जब तक जांच एजेंसियों की नियुक्ति स्वतंत्र रूप से नहीं होती तब तक यह सवाल उठते रहेंगे कि यह इनके आधीन काम कर रहे हैं और केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। यूपीए के टाइम पर भी ऐसा ही था। दूसरी बात यह है कि आप हमारी पुलिस में ही देख लीजिए… एसआई से लेकर डीजीपी क सभी पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर से लेकर नियुक्ति नेताओं की सहमति या फिर उनकी पसंद के आधार पर ही होता है। चाहे वह जाति के आधार पर हो क्षेत्र के आधार पर हो… ऐसे में यह सवाल उठेगा ही कि वह किसके इशारे पर काम कर रहे हैं।”

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जेपीसी में शामिल करने की मांग

ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी स्पीकर से अनुरोध करेगी कि उन्हें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर नैतिकता की बात होती है तो फिर इन एजेंसियों को स्वतंत्र क्यों नहीं किया जाता। उन्होंने दोहराया कि संवैधानिक नैतिकता तभी स्थापित होगी जब सत्ता और जांच एजेंसियों के बीच दूरी बनाई जाए। ओवैसी ने साफ किया कि वह इस मुद्दे पर संसद में लड़ाई जारी रखेंगे और सरकार की दोहरी नीतियों को उजागर करेंगे।

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बिहार एसआईआर को लेकर बयान

ओवैसी ने बिहार में चल रहे एसआईआर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पूरा अभ्यास चुनाव आयोग द्वारा किया जा रहा है, जबकि चुनाव आयोग को नागरिकता की जांच करने का अधिकार ही नहीं है। यह जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को उसकी संवैधानिक सीमाओं के भीतर ही रहकर काम करना चाहिए। अन्यथा यह लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करेगा।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।