Asha Anganwadi Worker Salary Hike: आशा-आंगनवाड़ी कार्यकताओं का मानदेय होगा दोगुना? राज्यसभा तक पहुंची मांग, क्या मोदी सरकार लेगी फैसला?
Asha Anganwadi Worker Salary Hike: आशा-आंगनवाड़ी कार्यकताओं का मानदेय होगा दोगुना? राज्यसभा तक पहुंची मांग, क्या मोदी सरकार लेगी फैसला?
Asha Anganwadi Worker Salary Hike: आशा-आंगनवाड़ी कार्यकताओं का मानदेय होगा दोगुना? राज्यसभा तक पहुंची मांग / Image: File
- आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय करने का अनुरोध
- आईसीडीएस के अंतर्गत खाली पड़े 3 लाख पदों को तत्काल भरने की मांग
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी करने का प्रस्ताव
नयी दिल्ली: Asha Anganwadi Worker Salary Hike राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के ऊपर काम का जबरदस्त दबाव और उन्हें कम मानदेय दिये जाने का दावा करते हुए सरकार से अनुरोध किया कि देश भर में आईसीडीएस की तीन लाख रिक्तियों को भरा जाए और इनके मानदेय में केंद्र द्वारा दिये जाने वाले अंशदान को दोगुना किया जाए। गांधी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लगीं आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायक तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत काम करने वाले समुदाय संसाधन कार्यकर्ता काम के बोझ के अत्यंत दबाव में हैं, जबकि वे सार्वजनिक सेवा आपूर्ति में बड़ा योगदान दे रही हैं।
Asha Anganwadi Worker Salary Hike उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में की गई थी, किंतु सार्वजनिक सेवा में बहुत योगदान देने के बावजूद इन महिला कार्यकर्ताओं पर अत्यंत दबाव है और उन्हें कम पारिश्रमिक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार द्वारा 4,500 रुपए एवं 2,250 रुपए के रूप में प्रति माह बहुत मामूली मानदेय प्रदान किया जाता है। गांधी ने कहा कि देश भर में आशा कार्यकर्ता टीकाकरण कार्यक्रम चलाती हैं तथा मातृ कल्याण एवं परिवार कल्याण कार्यों में मदद करती हैं, इसके बावजूद उन्हें बहुत कम मानदेय और सामाजिक सुरक्षा मिलती है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बहुत कम मानदेय मिलता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश भर में विभिन्न स्तरों पर आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास योजनाओं) में तीन लाख रिक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि इन रिक्तियों के कारण लाखों माताओं एवं बच्चों को आवश्यक सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों पर जब नियुक्ति होती है तो वे भी आबादी के अनुसार पर्याप्त नहीं होती हैं क्योंकि जनगणना 2011 के बाद आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया गया।
गांधी ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह राज्यों के साथ मिलकर इन प्राथमिकताओं पर काम करे, सभी रिक्तियों को भरा जाए, सभी कार्यकर्ताओं को समय पर भुगतान किया जाए और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले इन कार्यकताओं को दिये जाने वाले मानदेय में केंद्र के अंशदान को दोगुना किए जाए। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने यह आग्रह भी किया कि ढाई हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए तथा बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में मदद के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी की जाए।

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