Assam Cabinet Decision: अब बीजेपी सरकार लेगी इस बैंक से कर्ज, मंत्रिमंडल ने इतने करोड़ के ऋण को दी मंजूरी, जानिए क्या है वजह
Assam Cabinet Decision: अब बीजेपी सरकार लेगी इस बैंक से कर्ज, मंत्रिमंडल ने इतने करोड़ के ऋण को दी मंजूरी, जानिए क्या है वजह
Assam Cabinet Decision/Image Source: IBC24
- असम मंत्रिमंडल का बड़ा कदम
- 115 करोड़ का ऋण मंजूर
- नाबार्ड से 115 करोड़ का ऋण
गुवाहाटी: Assam Cabinet Decision: असम मंत्रिमंडल ने चार जिलों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 115.11 करोड़ रुपये का ऋण लेने को मंजूरी दी है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने यह जानकारी दी। बरुआ ने शनिवार को मंत्रिमंडल बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि इस ऋण से कार्बी आंगलोंग, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, उत्तर कछार हिल्स और तिनसुकिया जिलों में विकास कार्यों को गति देने में मदद मिलेगी।
नाबार्ड से 115 करोड़ का ऋण (Assam Cabinet Meeting)
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने असम पुलिस नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी दी है, ताकि सशस्त्र और निशस्त्र दोनों शाखाओं के कर्मी सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के पद पर पदोन्नति पाने के पात्र बन सकें। इसका उद्देश्य योग्यता आधारित पदोन्नति और पुलिस दक्षता में सुधार करना है। बरुआ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘मिशन बसुंधरा 3.0’ के तहत कामरूप (मेट्रो) जिले में सरकारी ‘खास’ और ‘सीलिंग सरप्लस’ भूमि के 732 प्रस्तावों के निपटान को भी हरी झंडी दी। इससे स्थानीय और भूमिहीन परिवारों को आवास के उद्देश्य से लाभ होगा।
Assam Cabinet Decision: ‘खास’ वह सरकारी जमीन होती है जो किसी निजी व्यक्ति के नाम नहीं होती और सीधे सरकार के नियंत्रण और प्रबंधन में रहती है। वैसे ही, ‘सीलिंग सरप्लस’ वह अतिरिक्त जमीन है जो सरकार ने तय सीमा से ज्यादा जमीन रखने वाले मालिकों से लेकर अपने कब्जे में ली है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, इसी जिले में निर्धारित राशि के भुगतान के बाद सरकारी भूमि के बंदोबस्त के लिए मिशन बसुंधरा 2.0 के तहत 168 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बरुआ ने कहा कि इन फैसलों से भूमि का सुरक्षित मालिकाना हक मिलेगा, आवास निवेश को बढ़ावा मिलेगा और बुनियादी नागरिक सुविधाओं तक पहुंच में सुधार होगा।
Assam Cabinet Decision: मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने असम भूमि एवं राजस्व नियमावली, 1886 में संशोधन को भी स्वीकृति दी। इससे डिजिटल सुनवाई, दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा करने और प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस कदम से लंबित मामलों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह कदम असम को राष्ट्रीय प्रोत्साहन ढांचे के अनुरूप लाएगा, जिससे राज्य को 150 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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