असम कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंसा प्रभावित जिले में स्थानीय लोगों के खिलाफ ‘नारों’ पर हैरानी जताई
असम कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंसा प्रभावित जिले में स्थानीय लोगों के खिलाफ 'नारों' पर हैरानी जताई
गुवाहाटी, 26 दिसंबर (भाषा) असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने शुक्रवार को हिंसा प्रभावित पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में स्थानीय लोगों के खिलाफ कथित तौर पर लगाए गए नारों पर हैरानी जताई।
वह इस सप्ताह की शुरुआत में जिले में हुई हिंसा के बाद कथित तौर पर हिंदी भाषी लोगों द्वारा लगाए गए नारों का जिक्र कर रहे थे। हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और 70 लोग घायल हो गए।
पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में जनजातीय क्षेत्रों में हिंदी भाषी लोगों द्वारा ग्राम चारागाह रिजर्व (वीजीआर) और व्यावसायिक चारागाह रिजर्व (पीजीआर) भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर कार्बी समुदाय और बिहार के लोगों के बीच विवाद जारी है।
गोगोई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कार्बी आंगलोंग में कार्बी समुदाय के लोगों के खिलाफ लगाए जा रहे नारों के बारे में सुनकर मैं स्तब्ध हूं।’
उन्होंने कहा, ‘ये नारे अज्ञानता को दर्शाते हैं और बेहद अपमानजनक हैं। हमें याद रखना चाहिए कि असम का क्या महत्व है और वह किसके लिए जाना जाता है।’
सभी से एकजुट रहने की अपील करते हुए और शांति और संयम बनाए रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा।’
कार्बी समुदाय के प्रदर्शनकारी 15 दिन से भूख हड़ताल पर थे और वे कथित अवैध निवासियों, जिनमें ज्यादातर बिहार से हैं, को वीजीआर और पीजीआर भूमि से निष्कासित करने की मांग कर रहे थे। ये भूमि दोनों जिलों, कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में स्थित हैं।
पुलिस द्वारा सोमवार तड़के प्रदर्शन स्थल से तीन प्रदर्शनकारियों को ले जाने के बाद वे हिंसक हो गए। बाद में प्रशासन ने दावा किया कि वह इन तीन प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराने के उद्देश्य से ले गई थी।
पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के खेरोनी क्षेत्र में मंगलवार को भारी हिंसा हुई, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस की गोलीबारी में मारा गया और दूसरे व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया गया। इसके अलावा 70 से अधिक लोग घायल हुए जिनमें 60 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में निषेधाज्ञा, रात्रि कर्फ्यू और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन अभी भी लागू है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा था कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण कार्बी समुदाय के लोगों की मांग तुरंत स्वीकार नहीं की जा सकती।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश

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