असम सरकार ने बोडोलैंड कल्याण विभाग का गठन किया

असम सरकार ने बोडोलैंड कल्याण विभाग का गठन किया

असम सरकार ने बोडोलैंड कल्याण विभाग का गठन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: May 26, 2021 12:14 pm IST

गुवाहाटी, 26 मई (भाषा) असम सरकार ने बुधवार को राज्य के कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी जिलों वाले स्वायत्तशासी क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए बोडोलैंड कल्याण विभाग का गठन किया।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।

बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के मामले मैदानी आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन हैं।

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राज्य सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने बीटीआर के मुख्यालय कोकराझार में बोडोलैंड प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद ने उचित सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर किराए के भवन से कॉलेज का संचालन तुरंत शुरू करने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि तीन योजनाओं- कुशल कुंवर सार्वभौमिक वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा मिरी सार्वभौमिक विधवा पेंशन और दीन दयाल दिव्यांग योजना के लाभार्थियों को मासिक भुगतान जारी करने के लिए मंजूरी के वास्ते फाइल वित्त विभाग को भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।

हजारिका ने कहा कि संबंधित विभाग के वरिष्ठतम सचिव हर महीने की 10 तारीख के भीतर लाभार्थियों के बैंक खातों में नकद अंतरण करने का अधिकार होगा।

कैबिनेट ने ‘प्रभारी मंत्रियों’ की जिम्मेदारियों के लिए एक दिशानिर्देश को भी मंजूरी दी जो जिलों के प्रशासनिक मामलों को देखेंगे।

उन्होंने कहा कि इन मंत्रियों को दो-तीन जिलों के लिए सरकारी नीति, प्रशासनिक सुधार और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि ये मंत्री केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं और राज्य के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की भी समीक्षा करेंगे और महीने में कम से कम एक बार अपने-अपने जिलों का दौरा करेंगे।

हजारिका ने कहा, ‘‘अगर किसी विशेष योजना के कार्यान्वयन में कोई समस्या है, जहां सरकार या कैबिनेट से नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है, तो वे विचार के लिए सिफारिशें कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ये मंत्री स्थानीय प्रशासन और सरकारी विभागों की मदद से अपने जिलों के लिए दृष्टि पत्र तैयार करेंगे। मंत्री अपने जिलों में उपलब्ध संसाधनों का अध्ययन करेंगे और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की योजना प्रस्तुत करेंगे।

भाषा अमित माधव

माधव


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