असम पुलिस मुठभेड़: मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए

असम पुलिस मुठभेड़: मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए

असम पुलिस मुठभेड़: मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: July 13, 2021 11:55 am IST

गुवाहाटी, 13 जुलाई (भाषा) असम मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबरों का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह उन परिस्थितियों की जांच करे जिसके कारण पिछले दो महीने में पुलिस मुठभेड़ में कुछ लोग मारे गए तथा कुछ अन्य घायल हुए।

आयोग के सदस्य नब कमल बोरा ने एक आदेश में कहा कि खबरों के अनुसार, पुलिस द्वारा गोली चलाते वक्त सभी आरोपी निहत्थे और हथकड़ी में थे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस हिरासत में या पीछा करने के दौरान गोली चलाने की परिपाटी विकसित नहीं होनी चाहिए।

मंगलवार को संवाददाताओं से साझा किये गए आदेश में कहा गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने राज्य सरकार के गृह और राजनीतिक विभाग के प्रधान सचिव को उन तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए जांच करने का निर्देश दिया है जिनके कारण कुछ आरोपी मारे गए और कुछ अन्य घायल हुए। आयोग ने प्रधान सचिव को 17 अगस्त तक जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

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इससे पहले दिल्ली स्थित असम के एक वकील आरिफ ज्वादर ने असम पुलिस के विरुद्ध राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में मुठभेड़ की उन घटनाओं का उल्लेख किया गया था, जो हिमंत विश्व सरमा के 10 मई को मुख्यमंत्री बनने के बाद सामने आई थीं।

वकील ने एनएचआरसी से इन घटनाओं का संज्ञान लेने और जांच करने का आग्रह किया था। मुठभेड़ों को उचित ठहराते हुए सरमा ने पांच जुलाई को कहा था कि अपराधी यदि हिरासत से भागने या पुलिस से हथियार छीनने का प्रयास करते हैं तो उन्हें गोली मारना एक “पैटर्न होना चाहिए।” कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के इस बयान की तीखी आलोचना की थी।

भाषा यश दिलीप

दिलीप


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