असम को पूर्ववर्ती नेतृत्व ने ‘निराश’ किया,पर मोदी के नेतृत्व में यह फिर से प्रगति पथ पर अग्रसर:हिमंत

असम को पूर्ववर्ती नेतृत्व ने 'निराश' किया,पर मोदी के नेतृत्व में यह फिर से प्रगति पथ पर अग्रसर:हिमंत

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Modified Date: May 24, 2025 / 10:46 PM IST
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Published Date: May 24, 2025 10:46 pm IST

गुवाहाटी, 24 मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि राज्य के गठन के बाद से ही पूर्ववर्ती राजनीतिक नेतृत्व ने राज्य को ‘‘निराश’’ किया है, जिससे राज्य का विकास अवरुद्ध हो गया।

शर्मा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य ने ‘दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार’ के रूप में अपना स्थान पुनः प्राप्त कर लिया है।

वह नयी दिल्ली में नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में बोल रहे थे। इस बार शासी परिषद की बैठक का विषय ‘2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ था।

स्वतंत्रता से पहले राज्य का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए शर्मा ने कहा कि असम समृद्धि की भूमि थी, जहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक थी। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रीमियम चाय निर्यात को पहले ही वैश्विक मान्यता मिल चुकी थी।

उन्होंने कहा कि असम का वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ मजबूत संपर्क था। उन्होंने कहा कि 1904 तक डिब्रूगढ़ को चटगांव से जोड़ने वाली रेल लाइन थी और ब्रह्मपुत्र असम को चटगांव जैसे बंदरगाहों से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण जलमार्ग के रूप में काम करती थी।

उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत के विभाजन ने इन सम्पर्कों को काट दिया और असम के पास केवल एक संकीर्ण और कमजोर जीवन रेखा ‘सिलीगुड़ी चिकन नेक’ बची, जो इसे शेष भारत से जोड़ती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘चटगांव पहाड़ी क्षेत्र, जहां 97 प्रतिशत से अधिक गैर-मुस्लिम आबादी थी, को पूर्वी पाकिस्तान को दे दिया गया। 15 अगस्त, 1947 को चकमा नेताओं ने रंगमती में भारतीय ध्वज फहराया और भारत में शामिल होने की उम्मीद जतायी। हालांकि, चटगांव को पूर्वी पाकिस्तान को आवंटित करने से उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं।’’

शर्मा ने दावा किया, ‘‘उनकी अपील के बावजूद पंडित नेहरू ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इस निर्णय को उनकी मौन स्वीकृति ने पूर्वोत्तर की वैश्विक व्यापार तक पहुंच को एक महत्वपूर्ण और स्थायी झटका दिया।’’

उन्होंने कहा कि फिर, 1971 में, बांग्लादेश के निर्माण के दौरान, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को पूर्वोत्तर के लिए एक व्यापक और अधिक सुरक्षित भौगोलिक गलियारे पर बातचीत करने का अवसर मिला।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश की मुक्ति सुनिश्चित करने में उनके निर्णायक नेतृत्व के बावजूद, यह लम्हा भी बीत गया… इस क्षेत्र को उस समय के राजनीतिक नेतृत्व ने निराश किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों ने अतीत को पीछे छोड़कर प्रगति की राह पकड़ ली है। असम अंतर्देशीय जलमार्गों को पुनर्जीवित करके, कनेक्टिविटी बहाल करके और बुनियादी ढांचे का निर्माण करके दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में अपनी सही भूमिका को पुनः प्राप्त कर रहा है, जो असम को विकसित भारत के एक गतिशील आर्थिक घटक के रूप में फिर से स्थापित करेगा।’’

विकसित भारत के लिए विकसित असम के महत्व पर बोलते हुए, शर्मा ने कहा कि राज्य वर्तमान में 68.7 अरब अमेरिकी डॉलर के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का दावा करता है, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और पिछले तीन वर्षों में 17.8 प्रतिशत की संचयी वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पर्यटन, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, हाइड्रोकार्बन, कृषि और बुनियादी ढांचे जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है। हम नए युग के कौशल, हरित नौकरियों और ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भी निवेश कर रहे हैं।’’

भाषा अमित संतोष

संतोष

 

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