हरे रंग को इस्लाम से जोड़ना गलत धारणा है: बिहार के राज्यपाल आरिफ

हरे रंग को इस्लाम से जोड़ना गलत धारणा है: बिहार के राज्यपाल आरिफ

हरे रंग को इस्लाम से जोड़ना गलत धारणा है: बिहार के राज्यपाल आरिफ
Modified Date: December 24, 2025 / 10:19 pm IST
Published Date: December 24, 2025 10:19 pm IST

पणजी, 24 दिसंबर (भाषा) बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को कहा कि हरे रंग को इस्लाम से जोड़ना एक गलत धारणा है, जिसका कारण इतिहास के ज्ञान की कमी है।

पणजी के पास ‘पांचजन्य’ पत्रिका द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत का रोडमैप: सुशासन संवाद’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने अपने समय के दौरान विभिन्न कबीलों को उनकी पहचान के अनुसार अलग-अलग रंग आवंटित किए थे।

कार्यक्रम में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘हमेशा से यह गलत धारणा रही है कि हरा रंग इस्लाम से जुड़ा है। (जो ऐसा कहते हैं उनमें) इतिहास की कोई समझ नहीं है।’

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खान ने कहा, ‘पैगंबर के बाद, अलग-अलग वंशों ने शासन किया जिनके झंडे काले और सफेद रंग के थे। शासन करने वाले अंतिम (वंश) तुर्क थे जिनके हरे झंडे थे। अगर आप इतिहास पढ़ें, तो इस्लाम अपनाने से पहले से तुर्कों का राष्ट्रीय ध्वज हरा ही था।’

उन्होंने कहा, “हमें केवल अंतिम चीज याद रहती है क्योंकि हम इतिहास नहीं पढ़ते हैं। हमें चीजों का मानकीकरण करना आसान लगता है।’

खान ने कहा, ‘वे कहते हैं कि हरा रंग इस्लाम का है, लेकिन पैगंबर के समय में, वह अलग-अलग कबीलों को उनकी पहचान के अनुसार अलग-अलग रंग दिया करते थे।’

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश


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