Anukampa Niyukti Niyam: सरकारी कर्मचारी ध्यान दें! अनुकंपा नियुक्ति नियमों में बड़ा बदलाव, परिवार के इस सदस्य को मिलेगी पहली प्राथमिकता

सरकारी कर्मचारी ध्यान दें! अनुकंपा नियुक्ति नियमों में बड़ा बदलाव, Attention government employees! Major changes in compassionate appointment rules

Anukampa Niyukti Niyam: सरकारी कर्मचारी ध्यान दें! अनुकंपा नियुक्ति नियमों में बड़ा बदलाव, परिवार के इस सदस्य को मिलेगी पहली प्राथमिकता

Anukampa Niyukti Niyam

Modified Date: December 18, 2025 / 09:21 pm IST
Published Date: December 18, 2025 9:19 pm IST

जयपुर। Anukampa Niyukti Niyam राजस्थान सरकार ने मृतक सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को बड़ी राहत दी है। अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने आवेदन की समय-सीमा बढ़ा दी है। अब आश्रितों को नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए 90 नहीं, बल्कि 180 दिन का समय मिलेगा। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए अनुकंपा नियुक्ति नियम, 1966 में संशोधन कर दिया है।

 Anukampa Niyukti Niyam नए प्रावधानों के अनुसार, किसी सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद उसके आश्रित छह महीने के भीतर संबंधित विभाग या राज्य सरकार के पास अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले निर्धारित तीन महीने की अवधि को कम माना जा रहा था, जिसे अब बढ़ाकर परिवारों को अतिरिक्त समय दिया गया है, ताकि वे कठिन परिस्थितियों से उबरकर निर्णय ले सकें। नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अनुकंपा नियुक्ति का पहला अधिकार मृतक कर्मचारी की पत्नी को रहेगा। यदि पत्नी नौकरी लेने से मना करती है, तो वह यह अधिकार अपने बेटे या बेटी में से किसी एक को सौंप सकती है।

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वहीं, कार्मिक विभाग ने पदोन्नति से जुड़े नियमों में भी संशोधन किया है। राजस्थान मूल्यांकन सेवा नियमों में बदलाव कर मेरिट और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति मामलों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है। समिति की अध्यक्षता कार्मिक विभाग के सचिव या प्रमुख सचिव करेंगे, जबकि आयोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और मूल्यांकन निदेशक इसके सदस्य होंगे। सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के हित में एक व्यावहारिक और संवेदनशील कदम माना जा रहा है।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।