Axiom-4 Mission: 41 साल बाद अंतरिक्ष में भारतीय एस्ट्रोनॉट की होगी एंट्री, शुभांशु शुक्ला आज भरेंगे उड़ान, दो सप्ताह में करेंगे 50 से ज्यादा प्रयोग

Axiom-4 Mission: 41 साल बाद अंतरिक्ष में भारतीय एस्ट्रोनॉट की होगी एंट्री, शुभांशु शुक्ला आज भरेंगे उड़ान, दो सप्ताह में करेंगे 50 से ज्यादा प्रयोग

  •  
  • Publish Date - June 11, 2025 / 07:32 AM IST,
    Updated On - June 11, 2025 / 07:41 AM IST

Axiom-4 Mission/Image Credit: X

HIGHLIGHTS
  • आज शाम 5:30 बजे लॉन्च किया जाएगा Axiom-4 Mission
  • एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भरेंगे उड़ान
  • अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन के मिशन के लिए जाएंगे अंतरिक्ष यात्री

Axiom-4 Mission: नई दिल्ली। एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरने जा रहे हैं। बता दें कि, आज शाम 5:30 बजे एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च किया जाएगा। पहले 10 जून को लॉन्चिंग होनी थी, वेकिन खराब मौसम के कारण टाल दी गई थी। बता दें कि, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल है। अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन के मिशन के लिए जाएंगे। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुभांशु शुक्ला को शुभकामनाएं दी है।

Read More: CCS Meeting: PM मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा कमेटी की अहम बैठक आज, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा 

स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे शुभांशु 

बता दें कि, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। अभी वह इंडियन एयरफोर्स में ऑफिसर है। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

Read More: World Test Championship Final: विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फ़ाइनल आज से.. साऊथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी खिताबी भिड़ंत

अंतरिक्ष में बिताएंगे दो सप्ताह

शुभांशु सहित चारों एस्ट्रोनॉट 11 जून को रात 10 बजे ISS से पहुंचेंगे। इसके बाद वो 25-26 जून के आसपास वापस आएंगे। इस दौरान उनके प्रयोगों के नतीजे वैज्ञानिकों को भविष्य के मिशनों के लिए मदद करेंगे। इस मिशन में ISS की यात्रा के लिए, दुनिया की सबसे बड़ी निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान और फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग कर रहा है। वहीं, मिशन पर सवार अंतरिक्ष यात्री, भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका से एक-एक, आईएसएस में दो सप्ताह बिताएंगे और लगभग 60 प्रयोगों, वैज्ञानिक अध्ययनों और आउटरीच कार्यक्रमों में शामिल होंगे।