नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंगलवार को दावा किया कि कांवड़ यात्रा के दौरान भोजनालयों के लिए जारी निर्देश पर उच्चतम न्यायालय के अंतरिम रोक लगाने से हिंदू समुदाय का मनोबल गिरा है।
दक्षिणपंथी संगठन ने उम्मीद जताई कि मामले की अगली सुनवाई में शीर्ष अदालत कांवड़ यात्रियों के बुनियादी मानवाधिकारों को बखूबी समझेगी और संरक्षण प्रदान किया जाएगा।
न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के उन विवादास्पद निर्देशों पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिनमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों व कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था।
विहिप के महासचिव बजरंग बागड़ा ने एक बयान में कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रियों के मार्ग पर पड़ने वाले ढाबों और अन्य भोजनालयों के मालिकों या संचालकों की पहचान प्रदर्शित करने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है।’
उन्होंने कहा कि इससे हिंदू समुदाय, हिंदू श्रद्धालुओं और कावंड़ यात्रा करने वालों का मनोबल गिरा है।
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