ममता ने चार अधिकारियों को निलंबित करने के निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सवाल उठाया
ममता ने चार अधिकारियों को निलंबित करने के निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सवाल उठाया
कोलकाता, सात अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग द्वारा दो राज्य सिविल सेवकों सहित चार अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने कर्मचारियों के साथ है।
मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में चार अधिकारियों- दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) तथा एक डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एक अस्थायी कर्मचारी- को निलंबित करने का आदेश दिया। इन अधिकारियों पर दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के क्रमश: बरुईपुर पूर्व और मोयना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करते समय अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
साथ ही संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया।
आयोग के निर्देश पर सवाल उठाते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि निर्वाचन आयोग केवल चुनाव की घोषणा की तारीख से ही कार्रवाई कर सकता है।’’
बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य सरकार के सभी अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के साथ है। उन्होंने सवाल उठाया कि किस नियम के तहत निलंबन का आदेश दिया गया, और दावा किया कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोकसभा में नेता अभिषेक बनर्जी ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला और उस पर अपनी संवैधानिक निष्पक्षता से समझौता करने और पश्चिम बंगाल के वास्तविक नागरिकों के मताधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाया।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर एक संयुक्त रणनीति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर चर्चा के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर आयोजित रात्रिभोज में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को यह भी समझना होगा कि यह एक निष्पक्ष संस्था है और इसे संविधान के दायरे में काम करना होगा।’’
टीएमसी सांसद ने आयोग पर वैध मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने में ‘‘सक्रिय भूमिका’’ निभाने का आरोप लगाया।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप

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