नयी दिल्ली, एक सितम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2008 के सनसनीखेज बटला हाउस मुठभेड़ मामले में दो अभियुक्तों को सुनायी गई फांसी और उम्रकैद की सजा को चुनौती देने वाली अपीलों पर 22 सितम्बर को सुनवाई होगी।
इस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
निचली अदालत ने दोषी आरिज़ खान को मृत्युदंड का आदेश सुनाया था, जबकि शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों अभियुक्तों ने इस मामले में दोषसिद्धि और सुनाई गई सजा को चुनौती दी है।
निचली अदालत की ओर से सुनाई गयी फांसी की सजा को पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय के लिए भेजा गया है, जबकि दूसरी अपील में शहजाद को मिली आजीवन कारावास की सजा बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया है।
जब निचली अदालत किसी व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाती है तो इस फैसले को पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय के पास भेजा जाता है।
दिल्ली सरकार के अनुरोध पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने मामले की सुनवाई 22 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दी।
अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को संबद्ध पक्षों के वकील को प्रासंगिक दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
मृत्युदंड के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरिज़ खान ने वकील एम. एस. खान और कौसर खान के जरिये जुलाई 2021 में अपील दायर की थी।
भाषा सुरेश अविनाश
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