बंगाल: शुभेंदु ने नागरिक सुरक्षा कर्मियों के आंदोलन का समर्थन किया, राज्य सरकार की आलोचना की

बंगाल: शुभेंदु ने नागरिक सुरक्षा कर्मियों के आंदोलन का समर्थन किया, राज्य सरकार की आलोचना की

बंगाल: शुभेंदु ने नागरिक सुरक्षा कर्मियों के आंदोलन का समर्थन किया, राज्य सरकार की आलोचना की
Modified Date: December 26, 2025 / 05:17 pm IST
Published Date: December 26, 2025 5:17 pm IST

कोलकाता, 26 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शुक्रवार को राज्य सचिवालय के पास मंदिरतला में नागरिक सुरक्षा कर्मियों के धरना मंच प पहुंचे और सेवा संबंधी मांगों को लेकर जारी उनके आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में लगभग 14,000 नागरिक सुरक्षा कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर आपदा प्रबंधन में उनके प्रशिक्षण और भूमिका के बावजूद उनकी ‘वैध मांगों’ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी शिकायतों को सुनने के लिए कोई प्रतिनिधि भेजने में विफल रही है।

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अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी ‘दान’ नहीं मांग रहे बल्कि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं जो अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार हैं।

भाजपा नेता ने प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में सुनिश्चित काम, 60 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा और भविष्य निधि एवं चिकित्सा बीमा जैसे लाभ गिनाए। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘रोजगार विरोधी’ होने और स्थायी रोजगार देने के बजाय श्रमिकों को आश्रित बनाए रखने के लिए ‘भत्तों की संस्कृति’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

अधिकारी ने सरकारी कर्मचारियों से महंगाई भत्ते में अंतर पर विचार करने का भी आग्रह किया और दावा किया कि अगर वर्तमान सरकार बनी रही तो यह अंतर और बढ़ जाएगा।

उन्होंने राज्य सरकार पर 2020 में आए चक्रवात अम्फान से निपटने के तरीके का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित नागरिक सुरक्षा कर्मियों के बावजूद सरकार को कोलकाता में गिरे पेड़ों को हटाने के लिए ओडिशा से आपदा प्रबंधन कर्मियों को बुलाना पड़ा।

भाजपा नेता ने राज्य सरकार के इस फैसले की तुलना ओडिशा की उस नीति से की, जिसमें आकस्मिक और संविदा श्रमिकों को नियमित किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल ने लगभग छह लाख स्थायी पदों को समाप्त कर दिया गया और रोजगार एक्सचेंजों को बंद कर दिया गया।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव


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