बेंगलुरु भगदड़ मामले की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जाए : विजयेंद्र |

बेंगलुरु भगदड़ मामले की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जाए : विजयेंद्र

बेंगलुरु भगदड़ मामले की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जाए : विजयेंद्र

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Modified Date: June 5, 2025 / 06:26 PM IST
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Published Date: June 5, 2025 6:26 pm IST

बेंगलुरु, पांच जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य सरकार से चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराए जाने की बृहस्पतिवार को मांग की।

‘इंडियन प्रीमियर लीग’ (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) को मिली जीत का जश्न मनाने के लिए यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गये।

विजयेंद्र ने मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की भी मांग की।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार से घटना की जिम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि सरकार भीड़ को काबू कर पाने में अक्षम रही है।

विजयेंद्र ने कहा, ‘‘जिला उपायुक्त (डीसी), मजिस्ट्रेट द्वारा जांच भाजपा की मांग नहीं है। चूंकि राज्य सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों की ओर से गैरजिम्मेदार रवैया अपनाया गया है, इसलिए भाजपा की मांग है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश द्वारा जांच कराई जाए। डीसी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री को तलब नहीं कर सकते।’’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब केरल में हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई, तो कर्नाटक ने 25 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। मेरा सवाल यह है कि जब केरल में एक व्यक्ति को 25 लाख रुपये मुआवजा मिलता है, तो राज्य सरकार की गैरजिम्मेदारी के कारण हुई मौतों के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से मृतकों के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा जारी करने की मांग करता हूं।’’

उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और दुबई या लंदन में बैठे आरसीबी के मालिकों से पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग करने का भी आह्वान किया।

विजयेंद्र ने कहा कि पूरा देश जानना चाहता है कि इस घटना की जिम्मेदारी किसकी है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने अधिक जिम्मेदारी से काम किया होता तो यह त्रासदी पूरी तरह से टाली जा सकती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों सहित राज्य सरकार बहुत जल्दबाजी में थी और वे आरसीबी की जीत को भुनाने में व्यस्त थे।’’

विजयेंद्र ने कहा, ‘‘जब पूरा पुलिस महकमा मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा देने में व्यस्त था, तब चिन्नास्वामी स्टेडियम में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद नहीं था, जहां दो लाख से अधिक लोग एकत्र हुए थे। सभी पुलिस बल विधान सौध के पास मौजूद थे। क्या यह राज्य सरकार की विफलता नहीं है?’’

सिद्धरमैया मंत्रिमंडल को ‘‘असंवेदनशील’’ करार देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आरसीबी के खिलाड़ियों को भगदड़ और 11 मौतों के बारे में जानकारी थी, लेकिन राज्य सरकार के आग्रह पर जीत का जश्न मनाया गया, राज्य सरकार का यह असंवेदनशील निर्णय था।’’

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)