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बिहार: जहरीली शराब मामले की जांच करने के लिए 35 सदस्यीय SIT का गठन

Poisonous liquor case in bihar : बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

Edited By :   Modified Date:  December 15, 2022 / 09:40 PM IST, Published Date : December 15, 2022/7:45 pm IST

छपरा/पटना: Poisonous liquor case in bihar बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जहां मंगलवार रात से अब तक 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 12 अन्य बीमार हो गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जिला मुख्यालय छपरा में बृहस्पतिवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले 48 घंटे में जिले भर में सघन छापेमारी की है और 126 व्यक्तियों को पकड़ा है। चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त भी की गई है।’’ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में क्या वे लोग शामिल हैं जो ताजा जहरीली शराब के मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ‘मामले की जांच अभी भी चल रही है और इस स्तर पर ज्यादा खुलासा करने से मामले की जांच में बाधा आ सकती है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दोष संबंधित अधिकारियों पर भी है और इसलिए मशरक पुलिस थाने के प्रभारी और स्थानीय चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि मढ़ौरा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी के स्थानांतरण की सिफारिश प्राधिकारियों से की गई है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘त्वरित जांच के लिए, एक अतिरिक्त एसपी की अध्यक्षता में 31 पुलिस अधिकारियों और तीन डिप्टी एसपी वाली एक एसआईटी भी गठित की गई है।’’ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने लोगों से अपील की कि वे बिना किसी प्रतिशोध के डर के किसी भी प्रासंगिक जानकारी के साथ आगे आएं।

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Poisonous liquor case in bihar: इस बीच माकपा के विधायक सत्येंद्र यादव ने छह साल से अधिक समय से लागू कड़े शराबबंदी कानून को ‘बेतुका’ करार दिया। यादव की पार्टी माकपा ‘महागठबंधन’ सरकार का बाहर से समर्थन करती है। यादव का मांझी विधानसभा क्षेत्र सारण के उन इलाकों के करीब है, जहां जहरीली शराब कांड हुआ था। राज्य विधानसभा के बाहर ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘शराब से दूर रहने में नैतिक सदगुण हो सकता है लेकिन इसे किसी भी कानून द्वारा लागू नहीं किया जा सकता। यह कानून बेतुका है। यह सही समय है जब लोग इसे समझें।’’ अप्रैल, 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।