नई दिल्ली। 31 मई को रिटायर हो रहे हैं मौजूदा नेवी चीफ सुनील लांबा की के उत्तराधिकारी पर विवाद शुरु हो गया है। केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त होने वाले सनील लांबा की जगह लेने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह लांबा के नाम का ऐलान किया है। वहीं अपनी वरिष्ठता को नजरअंदाज करने पर वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। करमबीर सिंह लांबा का नाम तय करते समय यह बात सामने आ गई थी कि उनसे छ महीने अधिक की वरिष्ठता वाइस एडमिरल बिमल वर्मा की है।
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वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ने 31 मई 2016 को वाइस चीफ नेवी का पदभार संभाला था। सिंह नेशनल डिफेंस अकेडमी, खडकवासला के छात्र रहे हैं। उन्होंने जुलाई 1980 में नौसेना को ज्वाइन किया। 1982 में वे हेलिकॉप्टर पायलट बने। वे चेतक और कामोव हेलिकॉप्टर भी उड़ा चुके हैं। नौसेना में सेवा के लिए एडमिरल करमबीर सिंह को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा मेडल भी मिल चुका है।
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चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा अंडमान निकोबार कमांड (ANC) के प्रमुख हैं और उन्होंने 1980 में करमबीर सिंह से छह महीने पहले सेना में कमीशन हासिल किया था। 29 फरवरी 2016 को बिमल वर्मा अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ बने। उन्हें अपनी सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है। उन्होंने जनवरी 1980 में नेवी ज्वाइन की है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Picture of petition of Vice Admiral Bimal Verma moved in Armed Forces Tribunal against his supersession and appointment of Vice Admiral Karambir Singh as the next Chief of Navy <a href=”https://t.co/z9J0L9n443″>pic.twitter.com/z9J0L9n443</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1115191357650472961?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 8, 2019</a></blockquote>
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