संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण, समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक पेश करेंगे भाजपा सांसद

संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण, समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक पेश करेंगे भाजपा सांसद

संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण, समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक पेश करेंगे भाजपा सांसद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: July 12, 2021 3:38 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) संसद के आगामी वर्षाकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक पेश करेंगे। यह जानकारी संसद के दोनों सदनों के सचिवालयों से हासिल हुई है।

जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्रस्तावित विधेयक देश में राजनीतिक विमर्श का पुराना मुद्दा रहा है और यह भाजपा के वैचारिक एजेंडे का हिस्सा भी रहा है।

लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के प्रतिनिधि रवि किशन और राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य किरोड़ी लाल मीणा 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद सत्र के पहले सप्ताह में जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक प्रस्तुत करेंगे।

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संसद के किसी भी सदन का सदस्य जोकि मंत्रिपरिषद का सदस्य नहीं है, वह गैर सरकारी विधेयक पेश कर सकता है। बगैर सरकार के समर्थन के ऐसे विधेयकों के पारित होने की संभावना बहुत कम होती है।

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक किशन और मीणा को अपने विधेयकों को पेश करने के लिए 24 जुलाई को मौका मिल सकता हैं

जनसंख्या नियंत्रण पर इसी प्रकार का एक विधेयक पेश करने के लिए भाजपा के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने भी नोटिस दिया है।

प्रस्तावित विधेयक में दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी सहायताओं से वंचित करने का प्रावधान है।

विधेयक के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने बताया कि जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और यह खतरे की घंटी है। उन्होंने जोर दिया कि इसके नियंत्रण के लिए एक केंद्रीय कानून की बहुत आवश्यकता है।

यह विधेयक ऐसे समय में लाए जा रहे हैं जब उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक मसौदा विधेयक तैयार किया है और इसे अपनी वेबसाइट पर डालकर लोगों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगा है। इसके मुताबिक दो से अधिक बच्चों के माता पिता सरकारी नौकरियों, स्थानीय निकाय के चुनावों और सरकारी लाभ से वंचित रहेंगे।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र उमा

उमा


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