Vande Bharat: ‘सत्ता में आए तो RSS करेंगे बैन’, मंत्री प्रियांक खरगे के इस बयान पर बीजेपी ने किया पलटवार, देखे वीडियो
Vande Bharat: 'सत्ता में आए तो RSS करेंगे बैन', मंत्री प्रियांक खरगे के इस बयान पर बीजेपी ने किया पलटवार, देखे वीडियो
Priyank Kharge | Photo Credit: IBC24
- कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, कांग्रेस सत्ता में आते ही RSS पर बैन लगाएगी
- कांग्रेस ने पहले भी दो बार RSS पर बैन लगाया था, अब फिर मांग उठी है।
- बीजेपी और NDA नेता इस बयान को कांग्रेस के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना रहे हैं।
नई दिल्ली: Priyank Kharge विचारधारा के स्तर पर देश में हमेशा लेफ्ट और राइट विंग आमने सामने रहे हैं। ठीक ऐसे ही कांग्रेस ने हमेशा से उसके विचारों को लेकर RSS को कटघरे में खड़ा किया है और इस दौर में जब देश में संविधान और संविधान संशोधन को लेकर बहस छिड़ी है तब, कर्नाटक के एक कांग्रेसी मंत्री यहां तक कह चुके हैं कि अगर अब कांग्रेस सत्ता में आई तो देश में RSS पर बैन लगा दिया जाएगा। बयान कल दिया था लेकिन उसपर सियासत आज तक गर्माई हुई है।
Priyank Kharge तो कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे का मानना है कि, केंद्र में सरकार बनते ही कांग्रेस, देश में RSS को बैन कर देगी। प्रियांक खरगे ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि RSS देश के संविधान से ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ शब्दों को हटाने के लिए काम कर रही है, कांग्रेस ने पहले भी दो बार RSS पर बैन लगाया था , जिसे हटाने पर अब अफसोस है। प्रियांक खरगे के मुताबिक, संघ हमेशा समानता और आर्थिक न्याय का विरोधी रहा है। प्रियांक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं सो पूरी कांग्रेस ने पूरी ताकत लगाकर उनके बयान का बचाव शुरू कर दिया। इधर, बीजेपी समेत NDA के नेता प्रियांक खरगे के बयान को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार कर रहे हैं, रायपुर पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मोदी मजबूत नेता हैं वो साल 2029- फिर 2034 और 2039 में भी आएंगे, कांग्रेस दिन में ख्वाब ना देखे।
प्रियांक खरगे के बयान पर छत्तीसगढ़ में भी बहस गर्माई हुई है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का हाल ऐसा है कि ‘न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी’, तो कांग्रेस ने प्रियांक के बयान पर बेहद सधी प्रतिक्रिया देकर, बयान से किनारा करने की कोशिश की।
कुल मिलाकर सवाल ये है कि क्या RSS वाकई देश के संविधान से धर्मनिर्पेक्षता और समाजवाद को हटाकर बदलाव की भूमिका बना रही है। सवाल ये भी है कि मौजूदा माहौल में क्या कांग्रेस का सत्ता में लौटकर RSS को बैन करने की बात करना अतिश्योक्ति है? उससे भी बड़ा सवाल ये है कि इस मुद्दे पर बहस की आंच पर सियासी रोटियां कौन सेंकना चाहता है?

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