भाजपा, आरएसएस भारत को एक मानचित्र के रूप में देखते हैं, कांग्रेस इसे यहां के लोगों के रूप में देखती है : राहुल गांधी

भाजपा, आरएसएस भारत को एक मानचित्र के रूप में देखते हैं, कांग्रेस इसे यहां के लोगों के रूप में देखती है : राहुल गांधी

भाजपा, आरएसएस भारत को एक मानचित्र के रूप में देखते हैं, कांग्रेस इसे यहां के लोगों के रूप में देखती है : राहुल गांधी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: September 29, 2021 9:14 pm IST

मलाप्पुरम/कोझिकोड (केरल), 29 सितंबर (भाषा) भाजपा और आरएसएस भारत को भौगोलिक क्षेत्र या एक मानचित्र के रूप में देखते हैं लेकिन कांग्रेस देश को यहां के लोगों और उनके बीच तथा दुनिया के साथ उनके संबंध के तौर पर देखती है। यह बात बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने कही।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग भारत को मानचित्र के रूप में देखते हैं। वे इसे सीमाओं से घिरे स्थान के रूप में देखते हैं। यह भाजपा का दृष्टिकोण है। हमारा (कांग्रेस) दृष्टिकोण अलग है। भारत के लिए हमारा दृष्टिकोण यहां के लोग एवं दूसरों के साथ उनके संबंध हैं।’’

राहुल ने कहा, ‘‘हमारे लिए भारत मानचित्र नहीं है, यह महज सीमा रेखा से घिरा क्षेत्र नहीं है, यहां रहने वाले लोगों के बारे में है। हम अपने अंदर भारत रखते हैं। यह अंतर है कि किस तरह से आरएसएस और भाजपा भारत को देखती है और किस तरह से कांग्रेस भारत को देखती है।’’

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वह केरल के कोझिकोड जिले में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मनोरंजन स्थल का उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे।

केरल में एक दिन के दौरे पर आए कांग्रेस सांसद ने कहा कि यहां के लोग जब विदेश जाते हैं तो लोग भारत के मूल्यों, संस्कृति और परंपराओं को उनके माध्यम से देखते हैं और ‘‘इस तरह से हम अपने देश को हर स्थान पर अपने साथ ले जाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘कुछ लोग भारत को नफरत, गुस्सा, अविश्वास और हिंसा’’ के रूप में पेश कर गुमराह करते हैं लेकिन ‘‘हम ऐसा नहीं करते।’’

इससे पहले केरल के मलाप्पुरम जिले में एक डायलिसिस केंद्र का उद्घाटन करते हुए कांग्रेस नेता ने इसी तरह के विचार व्यक्त किए और कहा कि वी. डी. सावरकर जैसे लोगों ने भारत को भौगोलिक क्षेत्र में रूप में वर्णित किया।

राहुल ने कहा, ‘‘वे एक मानचित्र खींचेंगे और कहेंगे कि सीमा के अंदर भारत है और जो बाहर है वह नहीं है। मेरे लिए भारत यहां के लोग और दूसरों के साथ उनके संबंध ही भारत है।’’

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।