भाजपा का राहुल पर तंज: नेता प्रतिपक्ष को पता नहीं होगा कि जौ की बाली कैसी होती है, गेहूं की कैसी?

भाजपा का राहुल पर तंज: नेता प्रतिपक्ष को पता नहीं होगा कि जौ की बाली कैसी होती है, गेहूं की कैसी?

भाजपा का राहुल पर तंज: नेता प्रतिपक्ष को पता नहीं होगा कि जौ की बाली कैसी होती है, गेहूं की कैसी?
Modified Date: July 25, 2024 / 09:17 pm IST
Published Date: July 25, 2024 9:17 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को घेरने का प्रयास कर रही कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में पलटवार करते हुए तंज कसा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को यह भी नहीं पता होगा कि जौ की बाली कैसी होती है और गेहूं की कैसी।

पार्टी ने यह भी कहा कि विपक्ष आम चुनाव के परिणाम को अपनी ‘नैतिक जीत’ बता रहा है लेकिन उसे यह अहसास नहीं है कि कोरोना महामारी के बाद जिन देशों में चुनाव हुए हैं, ज्यादातर में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन भारत की जनता ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार सत्ता पर काबिज कराया है।

फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस और आम आदमी क्या यह बता पाएगी कि उसने किसानों के लिए क्या किया है।

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उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उसने किसानों के लिए किया ही क्या है? आपके नेता को तो (यह भी) नहीं पता कि जौ की बाली कैसी होती है और गेहूं की कैसी?’’

चाहर ने केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक बजट करार देते हुए कहा कि यह (बजट) रोजगार भी देगा, स्वरोजगार भी देगा तथा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में भूमिका भी निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने वाला है।

उन्होंने इसे गांव-कस्बों, श्रमिकों, आदिवासियों और वंचितों को सशक्त बनाने वाला बजट भी बताया।

चाहर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उसके सदस्यों से पूछा कि दिल्ली में उनकी ही सरकार है, लेकिन यहां के किसानों को किसान का दर्जा भी नहीं दिया गया है।

समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव की ओर से टोकाटोकी किये जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी (सपा की) सरकार में सैफई के अलावा कुछ भी नहीं था।

उन्होंने कहा कि करीब 50 साल तक शासन करने वाले विपक्ष को कभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की याद नहीं आई, लेकिन आज उसे एमएसपी की याद आ रही है। उन्होंने विपक्ष, खासकर कांग्रेस को चुनौती दी कि वह अपनी कोई दो योजना गिनाए जिसमें किसानों के लिए कुछ किया गया हो।

चाहर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की थी, जिसे मोदी सरकार ने मछलीपालन, पशुपालन से भी जोड़ा है।

नवादा से भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि विपक्ष आम चुनाव के परिणाम को ‘नैतिक जीत’ बता रहा है, लेकिन उसे अहसास नहीं है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक राजनीति में जिन देशों में चुनाव हुए, ज्यादातर में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन भारत की जनता ने मोदी को तीसरी बार सत्ता पर काबिज कराया है।

उन्होंने बजट में बिहार को अधिक तरजीह दिये जाने के विपक्ष के आरोपों पर कहा कि विपक्ष ने राष्ट्रीय बजट को संकुचित बना दिया है। उन्होंने कहा कि यदि भारत के इतिहास से बिहार को हटा दिया जाए तो यह पता नहीं चलेगा कि इस देश का इतिहास कहां से लिखा जाए या कहां खत्म किया जाए।

ठाकुर ने कहा कि बजट में बिहार को वह हक दिया गया है जिसे आजादी के बाद से मारा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में जो भी मिला, वह हमारा हक है। बिहारवासी किसी का हक नहीं मारते।’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्ष की यह मंशा है कि बिहार हमेशा कराहता रहे, बाढ़ की विभीषिका झेलता रहे और पुराने समय में हुई विसंगतियों का अब भी सामना करता रहे।

सत्तारूढ़ राजग में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के चंदन चौहान ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की झलक देखने को मिली है और वित्त मंत्री ने हर वर्ग के लिए दिल खोलकर प्रावधान किए हैं।

जद (एस) के एम मल्लेश बाबू ने कहा कि सरकार ने बजट में कृषि क्षेत्र को महत्व दिया है और इसमें जैविक खेती को प्राथमिकता दी गई है।

भाषा

सुरेश अविनाश

अविनाश


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