‘भाजपा की जम्मू-कश्मीर नीति विफल’ : महबूबा,

'भाजपा की जम्मू-कश्मीर नीति विफल' : महबूबा,

‘भाजपा की जम्मू-कश्मीर नीति विफल’ : महबूबा,
Modified Date: August 2, 2025 / 06:13 pm IST
Published Date: August 2, 2025 6:13 pm IST

जम्मू, दो अगस्त (भाषा) पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में भाजपा की पूर्व सहयोगी पीडीपी ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर की समस्याओं के सम्मानजनक समाधान के लिए 2015 में दोनों दलों के बीच बने ‘गठबंधन एजेंडे’ का पालन किया जाना चाहिये, क्योंकि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की कश्मीर नीति ‘‘कोई परिणाम देने में विफल’’ रही है।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत की भी वकालत की। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की कठोर नीति ने केंद्र शासित प्रदेश के ‘‘लोगों को चुप करा दिया है’’ जहां एक ‘ज्वालामुखी बन रहा है’ जिसका समाधान करने की आवश्यकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पांच अगस्त, 2019 (जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया) के घटनाक्रम को आज छठा साल पूरा हो रहा है। यही वह दिन था जब हालात सुधारने और शांति बहाल करने के बहाने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया गया था। लोगों से दूध और शहद की नदियां बहाने का वादा किया गया था।’’

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महबूबा ने कहा कि भाजपा द्वारा अपनाई गई सख्त नीति ‘बुरी तरह विफल’ रही, जिसके तहत हज़ारों युवाओं को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम एवं जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के प्रावधानों के अंतर्गत जेल भेजा गया ।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव का केंद्र बना हुआ है और इस क्षेत्र पर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं।’’

पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर के हालात बिगड़ने का हवाला देते हुए मुफ्ती ने कहा, ‘‘पहले लोग अपनी बात कहने के लिए सड़कों पर उतरते थे, लेकिन आज वे चुप हैं… और अंदर ही अंदर एक ज्वालामुखी फूट रहा है।’’

जनवरी 2015 में सरकार बनाने के बाद पीडीपी और भाजपा ने ‘गठबंधन का एजेंडा’ तैयार किया था। जुलाई 2018 में राष्ट्रीय पार्टी द्वारा पीडीपी से समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सरकार में थे, तब हमने गठबंधन का एजेंडा तैयार किया था। वह दस्तावेज़ आज भी प्रासंगिक है और जम्मू-कश्मीर के मसलों के सम्मानजनक समाधान के लिए उसका अध्ययन किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि उनके पिता और पीडीपी के संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद के पास जम्मू-कश्मीर के लिए एक विज़न था और उन्होंने 2002 में कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने पर एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाया था।

पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘उसके बाद, हमने भाजपा के साथ गठबंधन का एक एजेंडा तैयार किया और इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को उसकी समस्याओं से उबारना था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ़ पीडीपी और भाजपा के बीच समझौता नहीं था, बल्कि जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के लोगों के बीच एक गठबंधन था। इसमें (सीमा पार) सड़कें खोलने की बात की गई थी ताकि पिंजरे की तरह बने जम्मू-कश्मीर को खोला जा सके।’’

भाजपा पर हमला जारी रखते हुए, महबूबा ने कहा कि पार्टी की ‘गलत नीतियों’ के कारण पांच अगस्त, 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी, आपराधिक गतिविधियों और प्राकृतिक संसाधनों की लूट में वृद्धि हुई है।

भाषा रंजन माधव

माधव


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