Former CJI Chandrachud: इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, सरकारी आवास में ही बनाना पड़ा ICU जैसा सेटअप
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की दो बेटियां प्रियंका और माही बहुत ही रेयर और गंभीर जेनेटिक बीमारी नेमालाइन मायोपैथी से ग्रस्त हैं।
पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, image source: facebook
- प्रियंका और माही बहुत ही रेयर और गंभीर जेनेटिक बीमारी नेमालाइन मायोपैथी से ग्रस्त
- आवास खाली नहीं करने को लेकर चर्चा में पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़
नईदिल्ली: Former CJI Chandrachud, इन दिनों सरकारी आवास खाली नहीं करने को लेकर पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने सरकारी आवास खाली न कर पाने के पीछे अपनी दोनों बेटियों की बीमारी का हवाला दिया है। सवाल यह है कि पूर्व सीजेआई की बेटियां किस बीमारी से जूझ रही हैं और ये कितनी भयावह है यह जानना जरूरी है।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की दो बेटियां प्रियंका और माही बहुत ही रेयर और गंभीर जेनेटिक बीमारी नेमालाइन मायोपैथी से ग्रस्त हैं। इस बात का खुलासा खुद जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक राष्ट्र्रीय कार्यशाला में किया था।
बता दें कि नेमालाइन मायोपैथी रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसे रॉड बॉडी डिजीज या रॉड बॉडी मायोपैथी के नाम से भी जाना जाता है। यह मांसपेशियों से संबंधित जन्मजात डिसऑर्डर है, जो स्केलेटल मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में मांसपेशियों के तंतुओं में धागे जैसी संरचनाएं (नेमालाइन बॉडीज) बन जाती हैं, जो मांसपेशियों के सामान्य कार्य में रुकावट डालती हैं। यह स्थिति मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में कमी और कई मामलों में सांस संबंधित दिक्कतों का कारण बनती हैं यह बीमारी इतनी रेयर है कि यह हजारों में किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है।
जस्टिस चंद्रचूड़ की बेटियों की हालत कैसी है?
जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार उनकी बेटियों प्रियंका और माही को इस बीमारी की वजह से मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। खासकर प्रियंका की हालत ज्यादा गंभीर बतायी जाती है, क्योंकि वह ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पर निर्भर हैं। धूल, एलर्जी और इंफेक्शन से उन्हें बचाने के लिए खास सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। उनकी देखभाल के लिए जस्टिस चंद्रचूड़ के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में ही आईसीयू जैसा सेटअप बनाया हुआ है।
जानें क्या हैं हैं नेमालाइन मायोपैथी के लक्षण?
सांस संबंधी दिक्कतें: मांसपेशियों की कमजोरी के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। खासकर रात के वक्त यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है।
मांसपेशियों में कमजोरी: प्रभावित व्यक्ति को चलने, उठने या वस्तुओं को पकड़ने में दिक्कत हो सकती है।
इंफेक्शन का खतरा: प्रियंका की तरह कई मरीजों को बार-बार इंफेक्शन का खतरा रहता है, क्योंकि उनकी फिजिकल कंडीशन उन्हें कमजोर बनाती है।
चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी: इससे चेहरा इमोशनलेस दिख सकता है। इसके अलावा बोलने और निगलने में मुश्किल हो सकती है।
जानिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी?
इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसका कोई उपयुक्त इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है। प्रियंका जैसे सीरियस मरीजों को हर वक्त व्हीलचेयर या खास मेडिकल इक्विपमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है। अगर समय पर इलाज न मिले तो सांस संबंधित दिक्कतें इस बीमारी के कारण जानलेवा हो सकती है।

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