स्कूलों में अब एक साथ नहीं बैठेंगे लड़के लड़कियां? कांग्रेस नेता ने कहा – हो सकता है ऐसा…

Congress leader said - it may be so : देश में नेताओं के बयान से विवाद खड़ा होना कोई नई बात नहीं हैं। नेता कुछ ऐसा बयान दे देते हैं

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  • Publish Date - August 21, 2022 / 01:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

नई दिल्ली : Congress leader said – it may be so : देश में नेताओं के बयान से विवाद खड़ा होना कोई नई बात नहीं हैं। नेता कुछ ऐसा बयान दे देते हैं जो बड़े विवाद का रूप धारण कर लेता है। ऐसा ही एक मामला केरल से सामने आया है। यहां एक मुस्लिम नेता ने स्कूली बच्चों को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के एक साथ बैठने को खतरनाक बताया है।

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लड़के-लड़कियों को एक साथ बैठाना खतरनाक

Congress leader said – it may be so : दरअसल, यह बयान केरल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग महासचिव प्रभारी पीएमए सलाम ने दिया है। उन्होंने कहा कि, लड़कों और लड़कियों को स्कूल की कक्षाओं में एक साथ बैठने की अनुमति देना ”खतरनाक” है। केरल के नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य सरकार अपने यहां लिंग-तटस्थ शिक्षा प्रणाली शुरू करने के प्रयास कर रही है। लिंग-तटस्थ यानी जेंडर न्यूट्रैलिटी एक ऐसा विचार है जहां लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। यानी सभी लिगों को समान

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सलाम ने की लिंग-तटस्थ नीतियां की आलोचना

Congress leader said – it may be so : सलाम ने केरल सरकार की लिंग-तटस्थ नीतियां की आलोचना करते हुए कहा, “यह खतरनाक है। लड़कियों और लड़कों को कक्षाओं में एक साथ बैठने की क्या आवश्यकता है? आप उन्हें क्यों मजबूर कर रहे हैं या ऐसे अवसर ही क्यों पैदा कर रहे हैं? इससे केवल समस्याएं ही होंगी। छात्र पढ़ाई से विचलित हो जाएंगे।”

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लैंगिक तटस्थता धार्मिक नहीं नैतिक मुद्दा

Congress leader said – it may be so : उन्होंने कहा, “लैंगिक तटस्थता एक धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि एक नैतिक मुद्दा है। सरकार छात्रों पर लिंग-तटस्थ यूनिफॉर्म थोपने की कोशिश कर रही है। लैंगिक तटस्थता छात्रों को गुमराह करेगी। हम सरकार से इसे वापस लेने के लिए कहेंगे।” इससे पहले, मुस्लिम संगठनों ने सरकार से राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में ‘लिंग-तटस्थ विचारों को थोपने’ के कदम से हटने को कहा था। उन्होंने वामपंथी नेतृत्व वाली सरकार पर शैक्षणिक संस्थानों में उदार विचारधारा को लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

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