ब्रिटास ने आईएफएफके में 15 फिल्मों की लंबित मंजूरी के संबंध में केंद्रीय मंत्री वैष्णव को पत्र लिखा

ब्रिटास ने आईएफएफके में 15 फिल्मों की लंबित मंजूरी के संबंध में केंद्रीय मंत्री वैष्णव को पत्र लिखा

ब्रिटास ने आईएफएफके में 15 फिल्मों की लंबित मंजूरी के संबंध में केंद्रीय मंत्री वैष्णव को पत्र लिखा
Modified Date: December 16, 2025 / 04:46 pm IST
Published Date: December 16, 2025 4:46 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद जॉन ब्रिटास ने मंगलवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर उनसे केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) में शेष 15 फिल्मों को सेंसर से तत्काल छूट दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता से जुड़ा है और इस पर निर्णय भारत के सांस्कृतिक संस्थानों के लिए केंद्र सरकार के समर्थन की पुष्टि करेगा।

इससे पूर्व सूत्रों ने बताया था कि आईएफएफके में प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही 19 फिल्मों में से चार को सेंसर प्रमाणन से छूट मिल गई है।

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केरल के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने तिरुवनंतपुरम में 12 से 19 दिसंबर तक आयोजित हो रहे आईएफएफके में फिल्मों को मंजूरी न दिए जाने की आलोचना की।

थरूर ने इसे ‘सिनेमा की समझ नहीं होना’ और ‘नौकरशाही की अत्यधिक सतर्कता’ करार दिया तथा दावा किया कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय मंत्री वैष्णव से फिल्मों के प्रदर्शन के लिए मंजूरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

ब्रिटास ने अपने पत्र में कहा कि कई फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति न मिलने से आईएफएफके का आयोजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

ब्रिटास ने कहा, ‘मैं मंत्रालय के उस फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें सेंसर से छूट की प्रतीक्षा कर रही 19 फिल्मों में से चार को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, 15 फिल्में अभी भी मंजूरी के लिए लंबित हैं, और उन्हें मंजूरी नहीं मिलने से आईएफएफके के इस ऐतिहासिक 30वें संस्करण का सुचारू तरीके से आयोजन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि यह फिल्म महोत्सव का 30वां संस्करण है, जिसमें 187 फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं, और संबंधित फिल्मों को मंजूरी देने से इनकार करने के निर्णय से निर्धारित स्क्रीनिंग और महोत्सव की व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।

मंजूरी का इंतजार कर रही 15 फिल्मों में आइज़ेंस्टीन की 100 साल पुरानी क्लासिक फिल्म ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ और फलस्तीन संघर्ष से संबंधित कई फिल्में शामिल हैं।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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