सीएजी ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के अंकेक्षण के खिलाफ याचिका का किया विरोध
सीएजी ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के अंकेक्षण के खिलाफ याचिका का किया विरोध
नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर उस याचिका का विरोध करते हुए कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का दावा किया है जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के अंकेक्षण (ऑडिट) में अपनाई गई सीएजी की प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता को दरगाह की याचिका पर सीएजी के जवाब के बारे में बृहस्पतिवार को बताया गया, उन्होंने याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया तथा सुनवाई की तारीख सात मई तय की।
अदालत अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहब सैयदजादगान दरगाह शरीफ, अजमेर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसके अलावा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) (डीपीसी) अधिनियम, 1971 और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत, बिना किसी पूर्व सूचना के याचिकाकर्ता के कार्यालय परिसर में सीएजी के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से तलाशी लेने के खिलाफ भी याचिका दायर की गयी है।
याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के प्रावधानों के विपरीत होने के कारण याचिकाकर्ता की सोसायटियों का अंकेक्षण न करें।
सीएजी के जवाब में कहा गया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को याचिकाकर्ता को पहले ही सूचित कर दिया है कि दरगाह मामलों के प्रबंधन में सुधार के लिए सीएजी द्वारा ‘ऑडिट’ प्रस्तावित है और इस तरह के ऑडिट के खिलाफ अभ्यावेदन देने का अवसर प्रदान किया गया है।
भाषा रवि कांत रवि कांत संतोष
संतोष

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