पुलिस के मुखपत्र की तरह काम नहीं कर सकते: दिल्ली कोर्ट

पुलिस के मुखपत्र की तरह काम नहीं कर सकते: दिल्ली कोर्ट

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  • Publish Date - June 17, 2025 / 11:06 PM IST,
    Updated On - June 17, 2025 / 11:06 PM IST

नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि अदालत पुलिस के एजेंट या मुखपत्र के रूप में काम नहीं कर सकती और उसे स्वतंत्र रूप से अपना विवेक इस्तेमाल करना चाहिए।

यह टिप्पणी अदालत ने एक रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों को खारिज करते हुए की।

यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने सुनाया, जो ‘कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें छह मई को मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी।

इस आदेश में मजिस्ट्रेट ने दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 409 (लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज करने की अनुमति दी थी।

न्यायाधीश ने कहा, ‘अदालत पुलिस की एजेंट या मुखपत्र नहीं है और इसका यह गंभीर दायित्व है कि वह आरोपपत्र पर बिना जांच अधिकारी की राय को अपनाए स्वतंत्र रूप से विचार करे। यदि जांच के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों से यह प्रतीत नहीं होता कि आरोपी ने अपराध किया है, तो अदालत को ऐसे मामले में संज्ञान नहीं लेना चाहिए।’

भाषा योगेश रंजन

रंजन

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