Unnao Rape Case दिल्ली : आठ साल पहले 2017 में हुए बहुचर्चित उन्नाव रेप के मामले ने उस वक़्त तूल पकड़ लिया था, जब आठ साल बाद 23 दिसंबर 2025 को हाई कोर्ट ने सेंगर की जेल की सज़ा को सस्पेंड कर दिया था । नाबालिग के अपहरण और रेप करने के आरोप में उम्रकैद की सज़ा काट रहे आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने कंडीशनल बेल दी थी। इस पूरे मामले में आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन जजों की बेंच ने CBI की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें 23 दिसंबर के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने सेंगर की सज़ा को सस्पेंड कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उन्नाव रेप केस में बीजेपी के निकाले गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सज़ा को सस्पेंड कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि यह मामला POCSO एक्ट के तहत पब्लिक सर्वेंट की परिभाषा के बारे में कानून के अहम सवाल उठाता है।
Unnao Rape Case: दरअसल, 23 दिसंबर 2025 कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सज़ा को सस्पेंड करते हुए हाई कोर्ट के कहा था की वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुका है। हालांकि, वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की कस्टडी में मौत के मामले में भी 10 साल की सज़ा काट रहा है और उस मामले में उसे ज़मानत नहीं मिली है। इस फैसले से नाराज होकर पीड़िता और उसकी मां न्याय की मांग को लेकर दिल्ली के इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गई थी।
क्या है पूरा मामला ?
Unnao Rape Case: उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर रेप किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
इन्हें भी पढ़ें:-