दिल्ली के अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़े

दिल्ली के अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़े

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 12:42 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 12:42 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) चिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ दिन से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।

दिल्ली में भीषण गर्मी का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। धूप में काम करने वालों के स्वास्थ्य पर गर्मी का सबसे अधिक प्रतिकूल असर पड़ता है।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट अस्पताल के श्वसन चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अवि कुमार ने बताया कि ओपीडी के सात से 10 प्रतिशत मरीज भीषण गर्मी से जुड़ी बीमारियों के हैं जबकि पांच से आठ प्रतिशत मरीजों में इससे संबंधित लक्षण हैं।

चिकित्सकों ने कहा, ‘‘हालांकि, जो मामले आ रहे हैं वे इतने गंभीर नहीं हैं कि मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता हो।’’

दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में अधिकारियों ने भीषण गर्मी से संबंधित मरीजों के इलाज के लिए अलग क्षेत्र निर्धारित किया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘इन मरीजों में रिक्शा चालक, चालक, मजदूर और ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो शारीरिक श्रम करते हैं। मरीजों को पेट दर्द, उल्टी, पानी की कमी, चक्कर आने की शिकायतें हैं। पिछले तीन दिन में इन मामलों में वृद्धि हुई है।’’

एलएनजेपी के अधिकारी के विचारों से सहमति जताते हुए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मुकेश मेहरा ने कहा कि भीषण गर्मी से जुड़ी बीमारियों के मरीजों में मुख्य रूप से चक्कर आना, त्वचा में रुखापन, जी मचलना और जठरांत्र संबंधी परेशानी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

उन्होंने कहा कि लक्षणों को पहचानना और निवारक उपाय अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है।

चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि बुजुर्ग, बच्चे और पहले से ही बीमारियों से ग्रस्त लोगों को ज्यादा खतरा है और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

इस सप्ताह दिल्ली में तापमान 40.9 और 45.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा और राष्ट्रीय राजधानी के लिए चेतावनी का सबसे गंभीर स्तर ‘रेड अलर्ट’ भी जारी किया गया है।

कुमार ने कहा, ‘‘पानी पीते रहना, व्यस्त समय में बाहरी गतिविधियों से बचना, हल्के और ढीले कपड़े पहनना, हल्का भोजन करना और ठंडे वातावरण में रहना जैसे एहतियाती उपाय अवश्य अपनाए जाने चाहिए।’’

भाषा खारी नरेश

नरेश