सीबीआई ने ‘फेसलेस’ आयकर आकलन योजना में गड़बड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया

सीबीआई ने ‘फेसलेस’ आयकर आकलन योजना में गड़बड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया

सीबीआई ने ‘फेसलेस’ आयकर आकलन योजना में गड़बड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया
Modified Date: April 25, 2025 / 09:15 pm IST
Published Date: April 25, 2025 9:15 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयकर विभाग के एक उपायुक्त और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को आयकर आकलन के लिए ‘फेसलेस’ योजना में गड़बड़ी करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आयकर विभाग के दिल्ली स्थित झंडेवालान कार्यालय में तैनात 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी, उपायुक्त विजयेंद्र को यहां गिरफ्तार किया गया, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश कुमार अग्रवाल को गुजरात के भरूच में गिरफ्तार किया गया।

मामले की सीबीआई जांच से पता चला है कि दोनों ने लंबित उच्च मूल्य के आयकर आकलन मामलों के विभिन्न करदाताओं से संपर्क किया और रिश्वत के बदले में जांच के तहत उनके मामलों में अनुकूल आदेश देने का वादा किया।

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वित्त मंत्रालय ने पारदर्शिता बढ़ाने, मानवीय हस्तक्षेप में कमी लाने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए ‘फेसलेस’ योजना शुरू की है।

इस योजना को ‘फेसलेस’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि करदाता को अपने कर का आकलन करने वाले अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी और उसे यह भी पता नहीं चलेगा कि वह अधिकारी कौन है। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार में कमी लाना है।

संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि, ये आरोपी व्यक्ति इस योजना से संबंधित गोपनीय जानकारी जैसे कि आकलन करने वाले अधिकारी का नाम, जांच के तहत मुद्दे आदि, लंबित आकलन/अपील मामलों से संबंधित अन्य जानकारी को एकत्रित और प्रसारित कर रहे हैं और उसके बाद रिश्वत की रकम वसूल रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों को मामले का क्षेत्राधिकार रखने वाली अदालत में पेश किया जायेगा।’’

सीबीआई ने छह फरवरी को मामले के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण (बिहार), बेंगलुरु और कोट्टायम (केरल) समेत 18 स्थानों पर छापेमारी की थी।

एजेंसी ने आयकर विभाग की एक शिकायत पर प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जिसे बाद में प्राथमिकी में बदल दिया गया, क्योंकि प्रथमदृष्टया अधिकारियों की मिलीभगत का पता चला था।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आयकर विभाग ने पिछले साल अग्रवाल के यहां तलाशी ली थी और उनके फोन की जांच के दौरान पता चला कि चार्टर्ड अकाउंटेंट का एक नेटवर्क है जो अनुचित लाभ उठाकर ‘फेसलेस’ योजना में काम करने वाले अधिकारियों की पहचान उजागर कर रहा है।

शिकायत और प्राथमिक जांच रिपोर्ट में, जो अब प्राथमिकी का हिस्सा हैं, आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने या तो स्वयं या अन्य सीए और विभिन्न राज्यों में नोडल अधिकारी के रूप में काम कर रहे निजी व्यक्तियों के माध्यम से करदाताओं से संपर्क किया और एक निश्चित वित्तीय लाभ के बदले में लंबित मामलों का उनके पक्ष में निपटारे की पेशकश की।

शिकायत के दस्तावेजों में कहा गया है कि उसने खुद को एक राजनीतिक नेता बताया और कहा कि उसने भाजपा नेताओं के लिए प्रचार किया है। इसके अलावा उसने विभिन्न सरकारी विभागों के लिए संपर्क एजेंट के रूप में काम करने का भी दावा किया है।

सीबीआई की जांच में पाया गया कि विजयेंद्र और निरीक्षकों ने अग्रवाल के साथ संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर साझा की, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष


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