जामिया हिंसा मामले में सीसीटीवी फुटेज को समय पर एकत्र व संरक्षित किया गया था: पुलिस

जामिया हिंसा मामले में सीसीटीवी फुटेज को समय पर एकत्र व संरक्षित किया गया था: पुलिस

जामिया हिंसा मामले में सीसीटीवी फुटेज को समय पर एकत्र व संरक्षित किया गया था: पुलिस
Modified Date: May 8, 2023 / 11:10 pm IST
Published Date: May 8, 2023 11:10 pm IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) में हुई हिंसा के सीसीटीवी फुटेज को समय पर एकत्र कर संरक्षित कर लिया गया था, और इन्हें घटना के संबंध में दर्ज दो आपराधिक मामलों के रिकॉर्ड का हिस्सा बनाया गया है।

उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कथित रूप से हिरासत में लिए गए या घायल हुए लोगों के लिए वित्तीय मुआवजे की अनुरोध का भी विरोध किया। पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) पहले ही गहन और विस्तृत जांच के बाद दिल्ली सरकार से घायल छात्रों को उचित मुआवजा देने की सिफारिश कर चुका है।

पुलिस ने कहा कि उसी घटना के संबंध में फिर से मुआवजे की मांग करना उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग करने का प्रयास है और याचिका को मुकदमा खर्च के साथ खारिज किया जाना चाहिए।

 ⁠

दिसंबर 2019 की घटना के संबंध में, उच्च न्यायालय के समक्ष कई याचिकाएं लंबित हैं।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 13 जुलाई को सूचीबद्ध किया।

एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि इस मामले पर अंतिम सुनवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा था कि इस मामले में पुलिस द्वारा बल प्रयोग करना सही नहीं था। उन्होंने अदालत से इस मामले में तथ्यान्वेषी समिति भी बनाने का अनुरोध किया था।

पुलिस की ओर से इस मामले में दायर नए हलफनामे में कहा गया है, “ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने और जामिया नगर थाना क्षेत्र में उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज को समय पर एकत्र और संरक्षित किया गया, और इन्हें घटना के संबंध में दर्ज दो आपराधिक मामलों के रिकॉर्ड का हिस्सा बनाया गया है।”

भाषा

जोहेब धीरज

धीरज


लेखक के बारे में