बड़ी खबर! भ्रामक विज्ञापन करने वाले सेलेब्स जाएंगे जेल, 50 लाख जुर्माने का भी प्रावधान

नए नियमों के मुताबिक उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा भ्रामक विज्ञापनों का समर्थन करने वाली हस्तियों पर रुपए 10 लाख तक का जुर्माना लगा सकता है। नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर 50 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। Celebs doing misleading advertisements will go to jail, also provision of 50 lakh fine

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  • Publish Date - June 11, 2022 / 12:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

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Celebs doing misleading advertisements will go to jail: नई दिल्ली: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत शुक्रवार को विज्ञापन को लेकर कुछ नए नियम लागू हो गए हैं। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापन भ्रामक होने पर उनका प्रचार करने वाली सेलेब्स को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के नए फ्रेमवर्क के तहत सरोगेट विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। शराब और तंबाकू कंपनियों के लिए ऐसे विज्ञापन देना आम बात है।

केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और विज्ञापनों के समर्थन के लिए आवश्यक उचित सतर्कता) दिशानिर्देश 2022 के तहत प्रिंट, टेलीविजन और सोशल मीडिया में बड़े पैमाने पर विज्ञापन से संबंधित सख्त मानदंडों को अधिसूचित किया है।

Celebs doing misleading advertisements will go to jail: उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत पहले से ही भ्रामक विज्ञापनों और उल्लंघनकर्ताओं के लिए दंड और कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन नए नियम सेलिब्रिटी विज्ञापनों को लक्ष्य करके बनाए गए हैं। ऐसे विज्ञापन जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं और सरोगेट विज्ञापन इस श्रेणी में शामिल होंगे।

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार, ‘भ्रामक विज्ञापनों को संभालने के लिए पहले से ही प्रावधान हैं, लेकिन नए दिशानिर्देश उद्योगों के लिए विज्ञापनों को अधिक स्पष्ट बनाते हैं। उद्योगों को जानना चाहिए कि विज्ञापन के लिए फ्रेमवर्क क्या है।’ नए नियम मशहूर हस्तियों को उत्पादों का विज्ञापन करते समय ‘विशेष सतर्कता’ बरतने के लिए मजबूर करेंगे।

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सेलेब्स कर रहे ऑनलाइन गेमिंग रम्मी ऐप का प्रचार

नए नियम ऐसे समय में लागू किए गए हैं जब कई लोकप्रिय अभिनेता और खिलाड़ी ऑनलाइन गेमिंग और रम्मी ऐप, तंबाकू और शराब जैसे उत्पादों का विज्ञापन कर रहे हैं। नए नियमों के मुताबिक किसी उत्पाद या सेवा का ​​विज्ञापन उसके बारे में पर्याप्त जानकारी या अनुभव पर आधारित होना चाहिए।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि क्या उत्पादों का समर्थन करने वाली हस्तियों ने किसी उत्पाद या सेवा के बारे में उचित जानकारी हासिल की है, उसके बारे में पूछताछ की है, जिसके लिए वे अपनी सेलिब्रिटी स्टेटस या इमेज का उपयोग कर रहे हैं।’

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50 लाख जुर्माना और 5 साल जेल की सजा का प्रावधान

नए नियमों के मुताबिक उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा भ्रामक विज्ञापनों का समर्थन करने वाली हस्तियों पर 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर 50 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक जेल का प्रावधान है। हालांकि, नए दिशानिर्देश किसी विशेष सेलिब्रिटी को परिभाषित नहीं करते हैं। इस शब्द को आमतौर पर एक प्रसिद्ध व्यक्ति, जैसे अभिनेता या खिलाड़ी के रूप में समझा जाता है।

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ऐसे विज्ञापन को गैर-भ्रामक और वैध माना जाएगा

एक विज्ञापन को गैर-भ्रामक और वैध तभी माना जाएगा जब वह नए नियमों में निर्धारित मानदंडों को पूरा करेगा। सरोगेट विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, शराब और तंबाकू कंपनियां ऐसे विज्ञापनों को बढ़ावा देती हैं और सोडा, इलायची या माउथफ्रेशनर की आड़ में अपने उत्पाद का प्रचार करती हैं।