Govt. employee profit before 8th pay Commission: एक तरफ आरबीआई ने फिर से 50 बेसिस प्वाइँट यानि 0.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ाकर होमलोन (Home Loan) के महंगा होने का रास्ता साफ कर दिया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन महंगा कर सकती हैं जिसके चलते ईएमआई (EMI) का महंगा होना तय है. लेकिन केंद्रीय कर्मचारी (Central Government Employees) को महंगे कर्ज की चिंता करने जरुरत नहीं है। क्योंकि सरकार उन्हें सस्ते होम लोन का लाभ दे रही है. जिससे वे सस्ता कर्ज लेकर अपने आशियाने के सपने को पूरा कर सकते हैं।
भले ही आरबीआई कर्ज महंगा करता जा रहा हो लेकिन केंद्र सरकार ने अपने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 2022-23 वित्त वर्ष में हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दरें घटा दिया है। शहरी विकास मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस (HBA) पर ब्याज दर को घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है. जबकि आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद होम लोन पर ब्याज दरें बढ़कर 8.50 से 9 फीसदी होने वाली है।
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केंद्र सरकार हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर 10 साल के सरकारी बांड के यील्ड (रिटर्न) के आधार पर तय करती है। 2021-22 में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जहां हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर जहां 7.9 फीसदी हुआ करता था। अब इसे घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया है। हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस लेकर केंद्रीय कर्मचारी अपना घर कंस्ट्रक्शन करा सकते हैं तो वे अपने लिए फ्लैट भी खरीद सकते हैं।
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सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस 2017 रुल्स के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारी अपने 34 महीने के बेसिक वेतन के बराबर या ज्यादा से ज्यादा 25 लाख रुपये घर बनाने या खरीदने के लिए एडवांस के तौर पर ले सकते है। हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस साधारण ब्याज दर पर मिलता है। हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस नियम के मुताबिक कर्ज का मूलधन सबसे पहले 15 वर्षों में 180 ईएमआई में चुकाना पड़ता है तो कर्ज पर ब्याज पांच सालों में 60 ईएमआई में चुकाना पड़ता है। हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस बैंक से लिए गए लोन को वापस करने के लिए भी लिया जा सकता है।
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